Jaipur International Airport: प्रथम चरण में 9 एकड़ भूमि में एप्रन एरिया का निर्माण शामिल है, जो पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी के कर्मचारियों के लिए आवासीय कॉलोनी थी. रियायत समझौते के अनुसार कॉलोनी को खाली कराया गया था और कुछ महीने पहले वह भूमि जयपुर इंटरनेशनल एअरपोर्ट को हस्तांतरित कर दी गई थी. उसके बाद नागरिक प्राधिकरणों द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण किया गया. जिसमें कॉलोनी के भीतर 594 पेड़ चिन्हित किए गए. जिन्हें विस्थापित किया जाएगा. इनमें से 50 पेड़ों को स्थानीय प्राधिकारियों की मदद से जयपुर के निकट गोनर वन क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाएगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बाकी पेड़ों के बदले, जयपुर इंटरनेशनल एअरपोर्ट बिचुन गांव में सात गुना ज्यादा पेड़ (4400) लगाएगा. यह पूरी प्रक्रिया जिला प्रशासन और सम्बंधित सरकारी विभाग के निर्देश के अधीन और क़ानूनन अनुसार सभी अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद शुरू की गई है. टर्मिनल-1 की परिचालनीय और विस्तार का कार्य पर्यावरण संवहनीयता और कानूनों का सख्ती से पालन किया जा रहा है.


जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि.(जेआईएएल) पूरी प्रक्रिया के लिए पहले ही सम्बंधित सरकारी विभाग में राशि जमा कर चुका है, इसमें पौधारोपण, अनुरक्षण, घेराबंदी, पानी पटाने, और सुरक्षा के सभी खर्च शामिल हैं. टर्मिनल भवन के भीतर बैठने की जगह पर सीटों का प्रतिष्ठापन, सिक्यूरिटी होल्ड एरिया, बैगेज बेल्ट, इमीग्रेशन काउंटरों के प्रतिष्ठापन का कार्य भी आरंभ हो गया है. टर्मिनल-1 भवन में वाणिज्यिक पट्टी के लिए बाहरी ब्रांडेड रिटेल और f&b चेन्स के साथ बातचीत चल रही है, टी-1 पर ब्रांडिंग और सौन्दर्यीकरण का काम भी शुरू किया जाएगा.टर्मिनल-2 की तर्ज पर टर्मिनल-1 के लिए एक विशाल उद्यान पथ बनाने की भी योजना है.


ये भी पढ़ें- जयपुर: इंडिया स्टोन मार्ट-2022 की शुरुआत, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया उद्घाटन