जयपुर मेट्रो: जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में इन दिनों अधिकारी बनाम कर्मचारी विरोध चर्चा में है. दोनों में लड़ाई प्रमोशन को लेकर चल रही है, जयपुर मेट्रो में टेक्निकल और नॉन टेक्निकल स्टाफ को दस साल से एक भी प्रमोशन नहीं दिया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस पॉलिसी के माध्यम से प्रमोशन दिया जाता है मेट्रो प्रशासन ने अभी तक वो पॉलिसी ही नहीं बनाई है.


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आज से जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में मेंटेनर कैडर पदोन्नति नियम बनवाने की मांग को लेकर जयपुर मेट्रो संयुक्त कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है. आज कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया और 13 मार्च से सभी ऑफ ड्यूटी कर्मचारी अनिश्चिकालीन धरने पर बैठेंगे.


21 मार्च को सद्धबुद्धि यज्ञ किया जाएगा. यदि फिर भी मांगों पर सहमति नहीं बनती है तो 28 मार्च से कर्मचारी भूख हडताल पर बैठेंगे. जयपुर मेट्रो संयुक्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विकास क्षत्रिय का कहना है की पिछले दिनों 20 फरवरी से कर्मचारियों ने धरने पर बैठने की चेतावनी दी तो मेट्रो प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया. जिसकी बैठक 24फरवरी को हुई और इस कमेटी में प्रशासन के अधिकारियों ने कर्मचारी संगठन द्वारा प्रस्तुत ड्राफ्ट और मांगों को साफ तौर पर नकार दिया. 


विकास क्षत्रिय ने बताया कि जयपुर मेट्रो की प्रथम भर्ती को 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं. मेट्रो प्रशासन ने विभाग के बाकी सभी कैडर जैसे-सीआरए, एससी-टीओ और जेई को पदोन्नत कर दिया है. लेकिन अभी तक मैंटेनर कैडर के लिए पदोन्नति नियम नहीं बनाए है. इस मांग को लेकर इस कैडर के कर्मचारी पिछले 5-6 साल से ज्ञापन देकर अपनी मांग रख रहे है. उन्होंने बताया कि मेंटेनर कैडर के कर्मचारी दिन-रात काम करके मेट्रो के सफल और सुरक्षित संचालन में अपना योगदान दे रहे है. लेकिन फिर भी प्रशासन ने अभी तक इनके लिए कोई प्रमोशन पॉलिसी नहीं बनाई.