Jaipur: ओलावृष्टि और शीतलहर से फसलों को नुकसान हुआ है. रबी मौसम में 103 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अलग-अलग फसलों की बुवाई होती है. इसमें गेहूं, जौ, चना, सरसों और तारामीरा शामिल है. रबी 2022- 23 में 109 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई हुई है. 6 और 7 जनवरी को, उसके बाद में 14 से 19 जनवरी तक पाले से फसलों में नुकसान हुआ है. प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक गेहूं की फसल के. 29 लाख 65 हजार हेक्टेयर में बोई हुए फसल में से. 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खराबा हुआ.


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गेहूं में 29 लाख 65 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई हुई. जिसमें से 42 हज़ार 000 हेक्टेयर में खराबा हुआ. जौ में 4 लाख 8 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई. इसमें से चने में 2 लाख 57 हजार हेक्टेयर में खराबा हुआ. चने में 2 से 40 फीसदी खराब हुआ. सरसों और तारामीरा की बुवाई 39 लाख 36 हजार हैक्टेयर में हुई. इसमें खराबा 2 से 65 फीसदी हुई. सब्जियों और उद्यानिकी में भी खराबा हुआ. इसमें 15 लाख 89 हजार हैक्टेयर बुवाई हुई. खराबा 2 लाख 22 हजार हैक्टेयर में हुआ. इसमें 2 से 60 फीसदी खराब हुआ. कटारिया बोले - 109 लाख 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई हुई. शीतलहर और पाले से खराबा 14 लाख 92 हजार हैक्टेयर में हुआ. कुल मिलाकर यह दो से 65 फीसदी तक रहा. सरकार पूरे मामले पर है गंभीर. सरकार किसानों को पूरी राहत देने के प्रयास करेगी. 


मंत्री लालचंद कटारिया के जवाब पर विपक्ष के विधायक भी बोले. सरकार की तरफ से किसानों के मामले में गंभीरता दिखाने की मांग. हम्मीर सिंह भायल, चंद्रभान सिंह आक्या ने रखी फसल खराबे पर बात. आपदा प्रबंधन के प्रावधाफसल खराबे पर सदन में चर्चा.


उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा. जब सरकार खुद ही मान रही है कि 65 प्रतिशत खराबा हुआ है. तो तुरंत एसडीआरएफ से किसानों को राहत दी जाए. एसडीआरएफ में 19 हज़ार करोड़ रुपए जमा है. उससे तुरंत किसानों को राहत दी जाए. एसडीआरएफ का गठन केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिश से हुआ था. इसके नियम और शर्तों में यह है कि. इस तरह की आपदा में किसानों को त्वरित राहत दी जाएगी. सरकार ऑनलाइन गिरदावरी करवा रही है. जिसका ना तो जनप्रतिनिधियों को पता है. और ना ही ग्राम पंचायत को पता. पिछली बार इसी स्थिति में सदन को दो दिन के लिए स्थगित करके. सभी जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र में भेजा गया था. उस समय किसान की खड़ी फसल को उठाने के लिए भी.