Jaipur News: प्रदेश में बदमाशों के हौंसले किस कदर बुलंद हैं, इसका अंदाजा इस घटना से लगाए जा सकता है कि प्रागपुरा थाने से महज 20 मीटर की दूरी पर बदमाशों ने दुष्कर्म पीड़िता और उसके भाई पर जनालेवा हमला कर दिया. दुष्कर्म पीड़िता को मरा हुआ समझ बदमाश मौके से फरार हो गए. 


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शनिवार शाम करीब 7 बजे बदमाशों ने पीड़ित और उसके भाई की गाड़ी के आगे अपनी बाइक लगाई और पीड़िता के पूरे शरीर पर फर्से से एक के बाद एक करीब 15 वार किए. पीड़िता के अधमरा होने पर एक बदमाश ने उस पर एक राउंड फायर किया और अपने साथियों के साथ मौके से फरार हो गया. इस संगीन वारदात के बाद पीड़िता का भाई 20 मीटर दूर प्रागपुरा थाने पहुंचा लेकिन पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं की.


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पीड़िता के भाई ने बताया कि बदमाश राजेन्द्र यादव ने कुछ वर्ष पहले उसकी बहन के साथ दुष्कर्म किया, जिसकी शिकायत पुलिस में की थी तो उसकी गिरफ्तारी हो गई थी. कुछ माह पहले आरोपी जेल से जमानत पर बाहर आया और उस पर राजीनामा कर केस वापस करने का दबाव बनाने लगा. 


पीड़िता के भाई के शरीर पर गंभीर चोटें आई 
पीड़िता ने मना किया तो आरोपी ने उसे धमकाना और उसकी पीछा कर परेशान करना शुरू कर दिया. इस पर पीड़िता ने आरोपी राजेन्द्र यादव के खिलाफ प्रागपुरा थाने में परेशान करने और धमकी देने की शिकायत दी लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की और परिवाद में मामला रख दिया. जिस पर आरोपी के हौंसले बुलंद हुए और उसने शनिवार शाम को पीड़िता पर हमला कर दिया. पीड़िता के तीन ऑपरेशन हो चुके हैं और उसकी जान को खतरा बताया जा रहा हैं. पीड़िता के शरीर से एक बुलेट ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने निकाल ली हैं. वहीं पीड़िता के भाई के शरीर पर गंभीर चोट आई हैं. 


दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका 
DGP यूआर साहू ने इस पूरे मामले को लेकर जयपुर रेंज आईजी उमेश दत्ता को उच्च स्तरीय जांच करने के निर्देश दिए हैं. वही DGP खुद इस पूरे मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. वही जयपुर रेंज आईजी उमेश चंद दत्ता का कहना है कि मामले को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है. पीड़िता पर फायरिंग करने वाले और मौके से बदमाशों को भगाने में मदद करने वाले कुल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मुख्य आरोपी अभी फरार चल रहा है, जिसको गिरफ्तार करने के लिए रेंज स्तर की कई टीमें दबिश दे रही है. 


एएसआई दिलीप को निलंबित कर दिया गया
दत्ता का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि नवंबर माह में पीड़िता ने स्वयं और पूरे परिवार की जान को खतरा बताते हुए प्रागपुरा थाने में परिवाद पेश कर सुरक्षा मांगी थी. उक्त प्रकरण में लापरवाही उजागर होने पर एएसआई दिलीप को निलंबित कर दिया गया है. वहीं अन्य पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच की जा रही है और जांच एडिशनल एसपी को सौंपी गई है.