बजट सत्र से पहले सरकार की घेराबंदी को 82 संगठन साथ, गहलोत सरकार को आंदोलन की चेतावनी
Jaipur News: राजस्थान में बजट सत्र से पहले ही सरकार की घेराबंदी शुरू हो गई है. अपनी मांगों को लेकर 82 संगठन आज एक मंच पर आए और अधिवेशन किया. राजस्थान कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तल कर्मचारियों ने हल्ला बोला.
Jaipur: राजस्थान में बजट सत्र से पहले ही सरकार की घेराबंदी शुरू हो गई है. अपनी मांगों को लेकर 82 संगठन आज एक मंच पर आए और अधिवेशन किया. राजस्थान कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तल कर्मचारियों ने हल्ला बोला. संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक महावीर शर्मा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अबकी बार कर्मचारी आर-पार की लडाई लडेंगे.
यह भी पढ़ेंः विधायक मीणा के बयान के बाद किरोड़ी लाल मीणा बोले- गुरु तो गुड़ रह गए, चेला बन गए शक्कर
एक बार फिर से प्रदेशभर के कर्मचारी आंदालन पर उतरेंगे. उन्होंने कहा कि कानूनगो संघ, शिक्षक संघ, ग्राम विकास अधिकारी संघ पटवार संघ, कृषि पर्यवेक्षक संघ, नर्सेज संघ, पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ, सहायक कर्मचारी संघ और मंत्रालयिक कर्मचारी संघ ने रणनीति बनाई है. रविवार को जयपुर में सभी संगठनों ने प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर आंदोलन को पहले के मुकाबले और मजबूत करने का निर्णय लिया है. हमारी कोशिश है कि संगठनों की आवाज पुरजोर उठाई जाए.
यह भी पढ़ेंः खनन माफियाओं ने बाणगंगा और सांवा नदी को किया खोखला, रात में खनन का वीडियो हुआ वायरल
ये कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर वर्ष 2013 की अनुसूची 5 के अनुसार सातवें वेतन आयोग में वेतन निर्धारण किया जाए और न्यूनतम वेतन 26000 हो.
9,18 और 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर 7,14,21, और 28 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किया जाए.
विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा किए गए समझौतों और सहमतियों को लागू किया जाए.
सहायक कर्मचारियों को एमटीएस घोषित किया जाए.
नियमित पदों पर संविदा कार्मिकों के भर्ती के लिए जारी संविदा नियम 2022 को प्रत्याहारित कर रिक्त पदों पर नियुक्त संविदा कार्मिकों / अस्थाई कार्मिकों को नियमित किया जाए.
परादर्शी स्थानांतरण नीति जारी की जाए.
प्रदेश में लागू की गई पुरानी पेंशन योजना के पश्चात कर्मचारियों के एनपीएस की राशि जी पी एफ खाते में स्थानांतरित की जावे तथा कर्मचारियों द्वारा लिए गए ऋण की वसूली के जारी आदेशों को प्रत्याहारित किया जाए.
प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत किए जाए.
यह भी पढ़ेंः महंगे कैमरे से वीडियो शूट कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए की चोरी, 3 गिरफ्तार