Jaipur: राजस्थान के जयपुर को ध्वनि प्रदूषण मुक्त (Noise Pollution free) बनाने के मकसद से ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) ने अब बेवजह हॉर्न बजाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारियां शुरु कर दी है. रोड सेफ्टी (Road Safety) को ध्यान रखते हुए यदि अब कोई वाहन चालक कंट्रोल ऑफ नॉयस (control of noise) या फिर एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) के नियमों का उल्लंघन करते पकड़ा गया, तो ना केवल उसका चालान किया जाएगा बल्कि अनोखे तरीके से उसे नियमों का पाठ भी पढाया जाएगा. 


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प्रदेश की राजधानी जयपुर में हर रोज हजारों की संख्या में वाहन (Vehicle) दौड़ते हैं. पर्यटन सीजन में यह संख्या और बढ़ जाती है. इस दौरान सड़कों पर जाम लगने की समस्या आम हो जाती है और वाहन चालकों द्वारा बेवजह हॉर्न बजाने का सिलसिला शुरू हो जाता है. इसकी वजह से केवल पढ़ने वाले छात्र या फिर हॉस्पिटल में भर्ती मरीज ही परेशान नहीं होते बल्कि आम लोगों को भी काफी दिक्कतें होती हैं. 


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इंसान की सुनने की सहनशक्ति 55 से 60 डेसिबल होती है. 60 से अधिक डेसिबल को शोर या ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) कहा जाता है. ज्यादा शोर शरीर के नर्वस सिस्टम पर दुष्प्रभाव डालता है. इस दुष्प्रभाव को कम करने के लिए अब जयपुर की ट्रैफिक पुलिस ने कमर कस ली है. जयपुर ट्रैफिक पुलिस "शोर ना करे" नाम से एक अभियान शुरु करने जा रही है. जिसके तहत शहर के सभी अस्पताल और शिक्षण संस्थानों के चारों ओर 150 मीटर के दायरे को नो हॉर्न जोन घोषित किया जाएगा.


जयपुर ट्रैफिक डीसीपी श्वेता धनकड़ ने क्या कहा 
ऐसे इलाकों में हॉर्न बजाने वालों के खिलाफ पुलिस अनोखी कार्रवाई करेगी. जयपुर ट्रैफिक डीसीपी श्वेता धनकड़ (Shweta Dhankar) का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस की ओर से पहली बार हॉर्न बजाते पकड़े जाने पर वाहन चालक से समझाईश की जाएगी. दूसरी बार पकड़े गए तो मौके पर ही आधा घंटा खड़ा रखा जाएगा और ट्रैफिक नियमों पर बनी फिल्म दिखाई जाएगी. इसके बाद भी वाहन चालक प्रतिबंधित क्षेत्र में हॉर्न बजाने की गलती करता है तो रात 12 बजे बाद ट्रैफिक पुलिस लापरवाह वाहन चालक को फोन करेगी और हॉर्न नहीं बजाने की नसीहत देगी. जिससे रात की नींद खराब होने पर व्यक्ति को अपनी गलती का अहसास हो. फिर भी अगर वाहन चालक गलती को दोहराता है तो एक हजार रुपये का चालान काटा जाएगा


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चौराहों को भी किया गया है चिन्हित 
अस्पताल और शिक्षण संस्थानों के अलावा ट्रैफिक पुलिस की ओर से शहर के चार पुलिस जिलों से चार चौराहों को भी चिन्हित किया गया है. इन चौराहों पर भी हॉर्न बजाना प्रतिबंधित (Restricted) रहेगा. एडिश्नल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश (Rahul Prakash) ने बताया कि पुलिस मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद ध्वनि प्रदूषण को कम करने की कवायद की जा रही है. मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के तहत बेवजह हॉर्न का इस्तेमाल प्रतिबंधित है. वाहन चालक हॉर्न उसी समय बजाएं, जब वह स्वयं या किसी अन्य को खतरे में देखें. सड़क पर हॉर्न बजाने का आवश्यक चिह्न नजर आने पर ही हॉर्न बजाएं. 


ट्रैफिक पुलिस की ओर से दी गई है नसीहत 
इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस की ओर से नसीहत दी गई है कि अधिक ध्वनि वाले हॉर्न नहीं बजाएं, साइलेंस जोन और रिहाइशी इलाके में हॉर्न न बजाएं. आवश्यकता से अधिक बार या फिर लगातार हॉर्न न बजाएं. तेज आवाज के लिए साइलेंसर में छेद न करवाएं, अधिक आवाज करने वाले वाहन न चलाएं.


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ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (pollution control board) ने जनवरी से जून तक जयपुर शहर के 6 स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण का आंकलन किया जिसमे सामने आया कि इनमे से एक भी स्तर पर ध्वनि का लेवल मानक स्तर पर नहीं है. इसमे सुधार के लिए नो हॉर्न जोन बनाए जा रहे हैं. जहां पर ट्रैफिक पुलिस मोनिटरिंग करते हुए वीडियोंग्राफी भी करवायएगी और हॉर्न बजाने वालों के खिलाफ अलग-अलग चरण में कार्रवाई करेगी.


ट्रैफिक पुलिस की ओर से नो हॉर्न जोन को लेकर शुरु किेए जाने वाले अभियान की तैयारियां जोर-शोर से शुरु कर दी गई है. जल्द ही ये अभियान शहर में शुरु हो जाएगा, जिससे आने वाले समय में ध्वनि प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलेगी.