Rajasthan Budget 2023: पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने राज्य बजट पर दी प्रतिक्रिया, कही ये बड़ी बात
पशुपालन मंत्री कटारिया ने कहा कि पशुपालन के लिए बेहतर अवसरों से संपन्न राज्य की संकल्पना को साकार करने वाला बजट है.
Jaipur: राजस्थान कृषि एवं पशुपालन प्रधान राज्य है. यहां पशुपालन व्यवसाय की अपार संभावनाओं को तराशने के कार्य राज्य सरकार के द्वारा निरंतर किया जा रहा है. एक ओर राज्य सरकार नित नए नवाचारों को प्रोत्साहित कर रही है. वहीं पशुपालन एवं पशुपालकों के हितों का विशेष ध्यान रखते हुए प्रावधान किये जा रहे है.
पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने राज्य बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के पशुपालकों की उम्मीदों को साकार करते हुए बजट में पशुपालन एवं पशु पालकों के हितों के लिए विशेष योजनाओं एवं प्रावधानों को महत्वपूर्ण स्थान दिया है. उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री निशुल्क आरोग्य योजना के अंतर्गत अब तक 138 प्रकार की दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही है , साथ ही आने वाले समय में समस्त प्रकार की जांच एवं एफएमडी, ब्रूसेला जैसे टीकाकरण भी निःशुल्क हो पाएंगे व पशुओं के सम्बन्ध में लिए जाने वाला रजिस्ट्रेशन शुल्क भी समाप्त किया जायेगा. जिससे पशुपालक पशुओं का समय पर बेहतर इलाज करवा पायेंगे. उन्होंने कहा यह योजना ऐसे पशुपालक जो की धन के अभाव में पशुओं का समय पर इलाज नहीं करवा पाते थे , उनके लिए वरदान साबित होगी वही राज्य में विकसित पशुपालन की राह भी आसान होगी.
कटारिया ने कहा कि राज्य में पशुपालकों को लम्पी रोग के प्रकोप का सामना करना पड़ा था, जिसमे हजारों की संख्या गोवंश की मृत्यु से सम्पूर्ण राज्य आहत हुआ था.ऐसे में पशुपालकों को आर्थिक एवं मानसिक सम्बल प्रदान करने के लिए लम्बी रोग से दुधारू गोवंश की हुई मृत्यु पर प्रति गाय 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता की बजट घोषणा से अब पशुपालकों को सामाजिक एवं आर्थिक बल मिलेगा तथा वे फिर से गोवंश पालन कर पाएंगे.
उन्होंने कहा कि राज्य बेहतरीन पशुपालन की संभावनाओं से भरपूर है, ऐसे में राज्य में युवा वर्ग भी पशुपालन व्यवसाय को रोजगार एवं स्टार्ट उप के रूप में अपना रहे है.रोजगार के बेहतर संसाधन विकसित करने एवं पशुपालकों को उनके द्वार पर पशुचिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने की दृष्टि से मुख्यमंत्री श्री गहलोत द्वारा "पशु मित्र योजना" की घोषणा की गई है. जिसके तहत पांच हजार युवा पशुधन सहायकों/ पशु चिकित्सकों को मानदेय पर रखा जायेगा जिससे पशुपालन में रोजगार एवं पशु चिकित्सा सुविधायें सुद्रण हो सकेंगी.
उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि "मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना" की घोषणा से पशुपालकों का भविष्य अब आर्थिक रूप से सुरक्षित हो सकेगा. उन्होने बताया कि योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को 2-2 दुधारू पशुओं का 40000 का बीमा किया जाएगा जिससे 20 लाख से अधिक पशुपालन लाभान्वित हो सकेंगे.
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