Jaipur : आचार संहिता से पहले सरकार शहर में चल रहे प्रोजेक्ट का फीता काट सकती हैं. लेकिन जिस तरह से जेडीए काम कर रहा है, उससे ऐसा लग रहा है कि ये सियासी उद्घाटन बनकर न रह जाएं. जयपुर शहर में आईपीडी टॉवर, जवाहर सर्किल, बी टू बाईपास, लक्ष्मीमंदिर तिराहे पर सिंगल फ्री प्रोजेक्ट का काम भले ही पूरा नहीं हुआ हो, लेकिन कुछ हिस्से में काम को गति देकर इसके उद्घाटन की तैयारी की जा रही है. हालांकि तिथि स्पष्ट नहीं की है लेकिन तैयारियां देखकर उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री के हाथों शीघ्र ही इन प्रोजेक्ट उद्घाटन होगा. हालांकि प्रोजेक्ट में हो रहीं देरी को लेकर धारीवाल ने चीफ इंजीनियरों और ठेकेदारों पर नाराजगी जताई. इतना ही नहीं चीफ इंजीनियर अशोक चौधरी को तो इतना तक कह दिया ऑर्किटेक्ट के अनुसार काम करो ज्यादा अक्ल मत लगाओ.  


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आचार संहिता से पहले जयपुर की सुध ली


कोटा के विकास के पंख लगाने के बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले जयपुर शहर की सुध ली हैं. और दो घंटे के दौरे में प्रोजेक्ट में हो रहीं देरी को लेकर ठेकेदारों और जेडीए के इंजीनियरों को लताड भी लगाई. उन्होने कहा की जो काम होगा ऑर्किटेक्ट के अनुसार होगा ज्यादा अक्ल लगाने की जरूरत नही हैं. 


दरअसल धारीवाल ने आज जेडीए के अधिकारियों के साथ आईपीडी टावर, बी टू बाइपास, लक्ष्मी मंदिर तिराहा,जवाहर सर्कल पर चल रहे प्रोजेक्ट का दौरा किया. जिसमें धारीवाल ने देखा की राजधानी में सवाई मानसिंह अस्पताल के निर्माणाधीन आईपीडी टावर और ट्रेफिक सिग्नल फ्री प्रोजेक्ट्स कब तक पूरे होंगे. क्या मौजूदा सरकार के कार्यकाल में इनका उदघाटन हो पाएगा?. क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता अक्टूबर माह में कभी भी लग सकती हैं. इस लिहाज से महज सवा महीने का ही समय बचा है. 


प्रोजेक्ट्स का काम सितंबर तक पूरा चाहती है सरकार


राज्य सरकार चाहती है कि करोड़ों रुपए की लागत के इन प्रोजेक्ट्स का काम सितंबर तक पूरा किया जाए. ताकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में इनका उदघाटन किया जा सके. निरीक्षण में मंत्री शांति धारीवाल के साथ प्रोजेक्ट कंसलटैंट व आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया, जेडीसी जोगाराम सहित इंजीनियर विंग के अधिकारी मौजूद रहे. .करीब दो घंटे चले इस निरीक्षण में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने काम में देरी को लेकर जेडीए के जिम्मेदार अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई और जल्द से जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए. 


नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने निरीक्षण के बाद कहा कि जवाहर सर्किल और लक्ष्मी मंदिर तिराहे का काम मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ही पूरा किया जाएगा. सवाई मानसिंह अस्पताल के आईपीडी टावर के प्रथम चरण में टावर की शुरूआती मंजिलें शुरू कर कर उदघाटन करने की कोशिश है.  लेकिन प्रोजेक्ट्स का उदघाटन महत्वपूर्ण नहीं हैं. सरकार का मकसद जनता को जल्द से जल्द राहत देना है. 


600 करोड़ है आईपीडी टावर की लागत 


जयपुर शहर में चल रहे प्रोजेक्ट की बात करें तो सबसे पहले एसएमएस अस्पताल के 26 मंजिला इस आईपीडी टावर की लागत करीब 600 करोड़ का हैं. यहां निरीक्षण के दौरान जेडीए के अधिकारियों को मंत्री शांति धारीवाल की नाराजगी झेलनी पडी. उन्होने कहा की पिछले निरीक्षण के दौरान आईपीडी टॉवर की मंजिलें चढ़ाने के दिन घटाने के लिए कहा था इसके बावजूद अब तक इस काम में लेटलतीफी हो रही है,इसका जिम्मेदार कौन है. धारीवाल ने निदेशक अभियांत्रिकी अशोक चौधरी को दो टूक कहा की अपनी अक्ल ना लगाएं,आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया जो कहें वह काम करें. 


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आईपीडी टॉवर प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने के बाद धारीवाल जवाहर सर्किल ट्रेफिक सिग्नल प्रोजेक्ट पहुंचे. इस प्रोजेक्ट पर भी काम में देरी को लेकर नाराज धारीवाल से अनुबंधित फर्म के प्रमुख से बहस हुई फर्म ने 15 सितंबर तक हर हाल में काम पूरा करने का आश्वासन दिया है. हालांकि यहां ठेकेदार ने भुगतान नहीं होने की धारीवाल को बात कही. 


डीए का पैसा कही नहीं जाता- धारीवाल


इस पर धारीवाल ने कहा की जेडीए का पैसा कही नहीं जाता हैं. आचार संहिता लगने में कम समय बचा है. उसके बाद बी टू बायपास प्रोजेक्ट को लेकर मंत्री शांति धारीवाल ने अफसरों को जवाब तलब करते हुए पूछा की ट्रेफिक डायवर्जन कब तक खत्म होगा. इस पर जेडीए अधिकारियों ने बताया कि 30 सितंबर तक यहा ट्रेफिक सुचारू कर दिया जाएगा. लक्ष्मी मंदिर तिराहे पर अंडरपास के अंदर सौन्दर्य के लिए लगाए एल्युमिनियम पैनल्स का भी धारीवाल ने निरीक्षण किया. प्रोजेक्ट्स के काम में लेटलतीफी पर मंत्री शांति धारीवाल की नाराजगी का कितना असर जेडीए अधिकारियों पर कितना होता है यह तो आने वाला समय बताएगा. लेकिन मंत्री शांति धारीवाल का मानना है कि भले ही कुछ प्रोजेक्ट्स का उदघाटन मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नहीं हो पाए, लेकिन इन प्रोजेक्ट्स का काम इस तरह हो कि जनता में इसका सकारात्मक संदेश जाए.



बहरहाल, प्रदेश में विधानसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता लागू हाने के साथ राजनैतिक पार्टियों के मंत्री, नेता न तो किसी तरह का उद्घाटन, शिलान्यास और कार्यक्रम कर सकेंगे और न हीं सरकारी भवन, सड़क का शिलान्यास कर सकेंगे.मऐसे में सरकार आचार सहिंता लगने से पहले ही प्लान बनाने में जुट गई हैं जिससे उनके नाम की पट्टिकाएं चुनाव से पहले लग सकें.


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