Jaipur News: प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच बीजेपी पूर्व उपराष्ट्रपति और बीजेपी के दिग्गज स्वर्गीय भैरों सिंह की जन्म शताब्दी मना रही है. भैरों सिंह शेखावत जन्म स्थली खाचरियावास कार्यक्रमों की शुरुआत होगी और 5 महीने तक विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इसके बहाने बीजेपी की अपने परंपरागत 9 फीसदी राजपूत वोट बैंक को मजबूत करने की योजना है. इसका कारण यह भी है कि बीजेपी ने पहले राजेंद्र राठौड़ को नेता प्रतिपक्ष बनाया और अब पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत की जन्म शताब्दी वर्ष को धूमधाम से मनाने की तैयारी है. बीजेपी की और से खाचरियावास में पहली बार कोई बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी आ सकते हैं. 


यह भी पढ़ें- मल्लिकार्जुन खड़गे ने PM नरेंद्र मोदी को कहा सांप तो सतीश पूनिया ने दिया यह जवाब


राजपूतों वोटर्स का अच्छा खासा प्रभाव रहा 
राजस्थान की राजनीति में राजपूतों वोटर्स का अच्छा खासा प्रभाव रहा है.  प्रदेश की 100 से अधिक सीटों पर राजपूत वोटर्स अपना प्रभाव रखता है, जिसमे से 70 से 80 सीटों पर सीधा दखल है. प्रदेश में राजपूत समाज की कुल आबादी करीब 9 फीसदी से ज्यादा मानी जाती है. इन्हें भाजपा का परंपरागत वोटर समझा जाता है. 


प्रदेश के सबसे बड़े राजपूत नेता भैरोंसिंह शेखावत थे, उन्होंने जनसंघ के समय से इस जाति को अपने से जोड़कर रखा. 1980 में भाजपा की स्थापना के बाद शेखावत दो बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हालांकि भैरोंसिंह शेखावत के बाद राजपूत कांग्रेस की तरफ भी गए, यही वजह है कि बीजेपी अपने इस परंपरागत वोट को मजबूत करने के लिए शेखावत की जन्म शताब्दी वर्ष को धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रही है ताकि 7 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में इस वोट बैंक को साधा जा सके. 


यह भी पढ़ें- उदयपुर में छापेमारी के लिए गई पुलिस पर रणीया गैंग का हमला, SHO समेत 7 जवान घायल


शेखावत जुड़े नेताओं की बढ़ेगी सक्रियता
बीजेपी शेखावत की जन्म शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर करने जा रही है. जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता  सम्मेलन होंगे, जिसमें शेखावत के जीवन के बारे में बताया जायेगा . इसके साथ पार्टी ने तय किया है कि उन नेताओं को भी फिर से सक्रिय किया जाए, जिन्होंने शेखावत के समय उनके साथ पार्टी के लिए काम किया है, लेकिन अब वो राजनीति से रिटायर हो चुके है. कार्यक्रमों की शुरुआत 12 मई से होगी. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर 12 और 13 मई को प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इसके बाद 14 मई को सीकर में स्वच्छता अभियान होगा उसके बाद 15 मई को शेखावत के जन्म स्थान खाचरियावास में आम सभा होगी, जिसमें केंद्रीय नेता आएंगे. माना जा रहा है केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्यक्रम में शामिल हों सकते हैं. 


इतिहास राजपूतों के बिना अधूरा 
राजस्थान में राजतंत्र हो फिर लोकतंत्र राजपूत समाज का अपना एक महत्व रहा है. कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक ‘एनल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान’ में लिखा है, कि देश के इतिहास में राजपूतों को हटा दिया जाये तो पढ़ने को ज्यादा कुछ नहीं रहेगा. राजस्थान के राजपूत के बिना भारत के इतिहास की कल्पना नहीं हो सकती. प्रदेश में विधानसभा चुनाव में 200 सीटों में से 25 से 30 सीटें और लोकसभा चुनाव में 25 से 5 से 6 सीटों पर जीतने में राजपूत समाज सफल होता है हालांकि इस बार बीजेपी 25 सीटें हैं, जिसमें 3 राजपूत सांसद है. 


राजपूत बहुल आबादी वाले जिले
वैसे तो ये दवा किया जाता रहा है कि प्रदेश के कमोबेस सभी जिलों में राजपूत 5 हजार से 50 हजार तक अपना प्रभाव रखता है, लेकिन भरतपुर, हनुमानगढ़ और गंगानगर को छोड़ दे तो कमोबेस सभी जिलों में यह जाती अपना प्रभाव रखती है. इनमें से ख़ास तोर पर जयपुर, जालौर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, चुरू, झुंझनूं, सीकर, बीकानेर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, पाली, कोटा, झालावाड़, धौलपुर, उदयपुर, राजसमंद ये वो जिले हैं राजपूत समाज का सांख्य बल के लिहाज से प्रभाव माना जाता है.