Jaipur: दुर्घटना में बीएसएफ के हेड कॉन्स्टेबल की मौत,आश्रितों को 74 लाख रुपए का हर्जाना
अधिकरण ने हर्जाना राशि पर क्लेम याचिका पेश होने की तिथि से छह फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है. अधिकरण ने यह आदेश मृतक की विधवा कियामनी गरई व अन्य आश्रितों की क्लेम याचिका पर दिए
Jaipur: मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण क्रम-2 महानगर प्रथम ने दुर्घटना में बीएसएफ के हेड कॉन्स्टेबल की मौत के मामले में दुर्घटना करने वाली बस की बीमा कंपनी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लि. को आदेश दिए हैं कि वह मृतक के आश्रितों को 74.22 लाख रुपए की हर्जाना राशि अदा करे.
अधिकरण ने हर्जाना राशि पर क्लेम याचिका पेश होने की तिथि से छह फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है. अधिकरण ने यह आदेश मृतक की विधवा कियामनी गरई व अन्य आश्रितों की क्लेम याचिका पर दिए.
क्लेम याचिका में कहा गया कि उसके 44 वर्षीय पति उत्तम गरई 16 नवंबर 2019 को बीएसएफ की गाडी से अन्य कर्मचारियों के साथ सरकारी ड्यूटी पर जा रहे थे. शाम करीब छह बजे उनकी गाडी एनएच 68 पर नवले की चक्की, बाड़मेर के पास पहुंची तो एक बस चालक ने लापरवाही से बस चलाते हुए बीएसएफ की गाड़ी को टक्कर मार दी. दुर्घटना में गंभीर चोट लगने से उत्तम गरई की मौत हो गई.
क्लेम याचिका में कहा गया कि उसका पति बीएसएफ में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर था और मासिक 67 हजार 322 रुपए कमा रहा था. ऐसे में उन्हें क्षतिपूर्ति के तौर पर एक करोड 51 लाख पचास हजार रुपए का मुआवजा दिया जाए. जिसका विरोध करते हुए बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि दुर्घटना में लिप्त बीमित वाहन के चालक के पास वैध और प्रभावी लाइसेंस नहीं था.
वहीं वाहन स्वामी की ओर से पॉलिसी की शर्तो के तहत दुर्घटना की सूचना भी नहीं दी गई थी. इसलिए बीमा कंपनी के खिलाफ पेश क्लेम याचिका को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अधिकरण ने बीमा कंपनी को एक माह में मृतक के आश्रितों को क्षतिपूर्ति राशि देने को कहा है.
Reporter- Mahesh Pareek
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