Rajasthan News: प्रदेश में 17 नए जिलों और तीन संभागों का क्या भविष्य होगा इसका फैसले में अब समय लगेगा. कैबिनेट सब कमेटी में बदलाव होने से फिर से नए सिरे से नए जिलों और संभागों की पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर मंथन शुरू हुआ है. इसलिए आज की बैठक में जिलों-संभागों के भविष्य पर कोई फैसला नहीं हो पाया. 


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दरअसल, नए जिलों और संभागों की समीक्षा के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी में बड़ा बदलाव हो गया है. भजनलाल सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के लिए अब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. पहले डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष थे, लेकिन अब उनकी जगह मंत्री मदन दिलावर को अध्यक्ष बनाया गया है. इस बदलाव के पीछे बताया जा रहा है कि दूदू सबसे छोटा जिला है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि दूदू जिले को खत्म किया जा सकता है. दूदू से विधायक प्रेमचंद बैरवा सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं और कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष भी. अगर दूदू जिले को खत्म किया जाता है, तो कहीं न कहीं जनता की नाराजगी भारी पड़ सकती है. सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को कमेटी से दूर रखा गया है. 



कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष मदन दिलावर ने कहा कि जब तक अंतिम रूप नहीं दे देते बैठकें होती रहेगी. जिलों और संभागों को लेकर रिटायर्ड आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. इस बैठक में नए जिलों की प्रशासनिक जरूरतें सहित कई अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई हैं. बैठक में मंत्री सुरेश सिंह रावत, हेमंत मीणा और मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, प्रमुख सचिव राजस्व दिनेश कुमार भी मौजूद रहे. वहीं, मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ अबू धाबी से वीसी के जरिए मीटिंग से जुड़े.



गौरतलब हैं कि भजनलाल सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के लिए 12 जून को डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में कैबिनेट सब कमेटी गठित की थी, जिसमें उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को समिति का सदस्य बनाया गया था. लेकिन, अब डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा की जगह मंत्री मदन दिलावर को कैबिनेट सब कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है.



राजस्व मंत्री हेमंत मीना का कहना है कि कैबिनेट सब कमेटी पंवार समिति की रिपोर्ट पर नई सिरे से चर्चा शुरू हुई है. अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. रिटायर्ड आईएएस ललित के पंवार कमेटी ने जनसंख्या, क्षेत्रफल सहित कई बिंदुओं पर विस्तार से रिपोर्ट दी है. अभी कुछ बिंदुओं पर और रिपोर्ट मांगी गई है उसे पर अगली बैठक में चर्चा करेंगे. कमेटी के पास भी बहुत सारे आवेदन आए हैं, जिनमें क्षेत्रफल का भी मामला है. लोग कौन से जिले से जुड़ना चाहते हैं उस पर भी मंथन कर रहे हैं. उसके बाद ही रिपोर्ट फाइनल करके मुख्यमंत्री को सौंपेंगे. 



बता दें कि रिटायर्ड आईएएस ललित के पंवार की कमेटी ने नए जिलों की रिपोर्ट 30 अगस्त को सरकार को सौंप दी थी. उसके बाद 2 सितंबर को कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें ललित के पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा की गई थी. इसमें कुछ छोटे जिलों को मर्ज करने का सुझाव आया था, क्योंकि कमेटी का मानना है कि कई छोटे जिले व्यावहारिक नहीं है. गहलोत राज में बनाए गए कई नए जिलों का आकार छोटा है. ऐसे में नजदीकी जिले के अन्य हिस्सों को जोड़कर मर्ज किया जा सकता है. हालांकि, नए जिलों पर अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. 



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