Jaipur News: नशीली दवाओं की तस्करी के मामले में एसीबी के हत्थे चढ़ी निलंबित आरपीएस अधिकारी दिव्या मित्तल के पास आय के ज्ञात स्रोतों से 123.53 फीसदी ज्यादा और सुमित के पास आय से अधिक 523.34 फीसदी ज्यादा संपत्ति मिलने का मामला सामने आया है, जिसके बाद निलंबित एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल और दलाल सुमित के खिलाफ एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति का दोनों के खिलाफ दो अलग—अलग एफआईआर दर्ज की हैं. 


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वहीं शुक्रवार को एसीबी ने दिव्या मित्तल और सुमित के करीब 6 जिलों में ठिकानों पर छापेमारी की और संपत्ति के दस्तावेज सहित अन्य सबूत जुटाए. एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि जयपुर में 200 फीट बाईपास स्थित दिव्या मित्तल के फ्लैट, झुंझुनूं के चिड़ावा स्थित उसके पैतृक घर, उदयपुर में उसकी द नेचर होटल एंड रिसॉर्ट और अन्य ठिकानों पर एसीबी की टीमों ने छापेमारी की है. वहीं उसके पैतृक घर को एसीबी ने सील कर दिया है.


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2008 से पहले कुछ नहीं था सुमित के पास
एसीबी की जांच में सामने आया है कि 2009 से पहले सुमित के पास कुछ नहीं था. वहीं दिसम्बर 2021 तक उसके 3 अलग—अलग बैंक खातों में मात्र 21 हजार 751 रुपए थे लेकिन उसने लाखों की संपत्ति बना ली थी. दिव्या से संपर्क में आने के बाद उसने उसके साथ मिलकर उदयपुर में 26 हजार वर्ग फीट में रिसॉर्ट बना लिया था. वहीं अपने गांव में भाई के साथ मिलकर मकान बना लिया था. इनकी दोनों की कीमत एसीबी ने 57,41,536 आंकी है जबकि साल 2008 से 2021 तक सुमित कुमार की वेतन से मिली कुल आय 22,69,991 रुपये थे लेकिन इसके बावजूद भी इसने पुलिस विभाग में ड्यूटी उदयपुर और बांसवाड़ा और आबकारी उदयपुर में डेपुटेशन के दौरान अपनी आय अर्जित आय के विरुद्ध 1,19,12,052 रुपए की भ्रष्टाचाार से संपत्ति अर्जित कर ली थी, जो संपत्ति सुमित कुमार की आय के 523.34 प्रतिशत अधिक है.


2011 से पहले दिव्या के पास सिर्फ एक बैंक खाता
दिसम्बर 2010 से लेकर 16 जनवरी 2023 तक दिव्या मित्तल ने पुलिस विभाग राजस्थान सरकार में लोक सेवक की हैसियत से उप पुलिस अधीक्षक के पद पर वृताधिकारी वृत गिर्वा, उदयपुर, जीआरपी, उदयपुर और आबकारी विभाग उदयपुर, एमबीसी. खैरवाडा जिला उदयपुर 9वीं बटालियन आरएसी टोक सहित एसओजी अजमेर में कार्य करते हुए अपनी आय राशि 1,51,21,618 रुपये के विरूद्ध 1,86,80,065 रुपये की अनुपातहीन रूप में परिसम्पतियां अर्जित कर ली. 2011 से पहले दिव्या के पास सिर्फ एक बैंक खाता था, जिसमें मात्र 1043 रुपये जमा थे. लेकिन इसके बाद एसीबी को दिव्या मित्तल के चार बैंक अकाउंट भी मिले हैं. उदयपुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक में 2 और यस बैंक में 2 अकाउंट मिले. इन चारों अकाउंट से एसीबी को 4, 90, 798 रुपए मिले, जो दिव्या मित्तल की आय के ज्ञात स्त्रोतों से 123.53 फीसदी ज्यादा हैं.


बैंक खातों में नकद जमा करवाया 
ऑएसीबी की एफआईआर के अनुसार, दिव्या ने अपनी अवैध रूप से अर्जित राशि को अपने परिजनों के बैंक खातों में नकद जमा करवाया और फिर अपने बैंक खातों तक में ट्रांसफर किया. इसके अलावा उदयपुर में 33 लाख का रिसॉर्ट,फार्म हाउस में 8.70 लाख का कीमती सामान, झुंझुनूं, जयपुर जमीन मिली हैं. गौरतलब है कि दिव्या ने दलाल सुमित के जरिए 2 करोड़ की रिश्वत की डिमांड की गई थी.


संपत्ति अवैध रूप से कमाई गई 
एसीबी ने 6 जून को दिव्या मित्तल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.  जिसमें लिखा गया है कि दस्तावेजों की जांच से पता चला कि 27 दिसंबर 2010 से  16 जनवरी 2023 तक दिव्या मित्तल उदयपुर और अजमेर में अलग-अलग पद पर पोस्टेड रहीं.  उनके पास से सिर्फ 13 साल में अपनी कुल आय 1.51 करोड़ से ज्यादा संपत्ति 1.86 करोड़ की मिली है. जो दिव्या मित्तल की कुल आय से 123.53 प्रतिशत ज़्यादा पाई गई, जिसका उनके  पास कोई लेखा-जोखा नहीं मिला है. ये संपत्ति अवैध रूप से कमाई गई है. 


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दिव्या मित्तल के 4 बैंक खाते भी मिले हैं. इनमें उदयपुर में SBI बैंक में 2 खाते और यस बैंक में 2 खाते शामिल हैं. इन चार खातों से 4 लाख 90 हजार 798.37 रुपये नकद बरामद हुए. दिव्या मित्तल अवैध अर्जित राशि को पहले अपने परिजनों के बैंक खातों में कैश जमा करवाती थीं.फिर बाद में अपने बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर करती थीं.


क्या था पूरा मामला
दिव्या मित्तल पर आरोप है कि उसने नशीली दवा से जुड़े मामले में एक दवा फैक्ट्री के संचालक को गलत रूप से लिप्त बताकर उसका नाम हटाने की बात कही थी. इसके बदले दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. जांच के बाद एसीबी ने दिव्या को 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था. परिवादी की दवा बनाने की कंपनी है. एएसपी दिव्या परिवादी की हरिद्वार स्थित दवा कंपनी में पहुंची. वहां जाकर परिवादी से कहा कि उसके खिलाफ अजमेर में साइकोट्रॉपिक दवा के तीन केस दर्ज हुए हैं. 


दलाल के मार्फत दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी 
पकड़ी गई दवाइयों में उनकी फैक्ट्री की दवाएं भी शामिल हैं. यह सुनकर परिवादी घबरा गया था. इसके बाद दिव्या ने एनडीपीएस एक्ट के मामले में डरा-धमकाकर केस से नाम हटाने के लिए अपने दलाल के मार्फत दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी. इसकी शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने जाल बिछाकर एएसपी और उनके दलाल को गिरफ्तार किया. एसीबी ने अजमेर एसओजी कार्यालय, अजमेर के फ्लैट, उदयपुर में रिसोर्ट, जयपुर में फ्लैट, चिड़ावा के घर में जांच कर दस्तावेज खंगाले. इन जगहों से एसीबी टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले.