Jaipur: हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को कल रात महापौर और पार्षद पद से राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया. 4 तारीख की शाम को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने महापौर के पति सुशील गुर्जर 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इसी के साथ ही महापौर और के निजी आवास से 44 लख रुपए से अधिक की राशि और कई मकान के पट्टे सहित अन्य दस्तावेज एसीबी ने जब्त किए थे.


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36 घंटे से अधिक बीतने के बाद गुर्जर आईं सामने


उसके बाद से महापौर ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया था, आज सुबह 36 घंटे से अधिक बीतने के बाद महापौर ज़ी मीडिया के कैमरे के सामने आई और अपना पक्ष रखा. महापौर ने कहा उन्हें न्यायपालिका और भगवान पर पूरा भरोसा है, न्यायपालिका जो भी फैसला देगी वह उन्हें मान्य होगा. 


उन्होंने कहा मेरे साथ कुछ तुच्छ राजनीति करने वाले लोगों ने इस तरह का व्यवहार किया है. हेरिटेज उपायुक्त राजेंद्र वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए निगम ने धरना दिया गया था, उस समय भी जयपुर शहर के कई राजनेताओं ने उनका साथ नहीं दिया. उन्हें उसी समय महसूस हो गया था कि उनके खिलाफ कोई षड्यंत्र रचा जा रहा है, और वह षड्यंत्र भी ऐसा की उन्हें नहीं बल्कि उनके पति को निशाने पर लिया गया. 



उन्होंने कहा जनप्रतिनिधि होने के नाते फाइलें उनके पास साइन होने के लिए आती हैं. कार्य की अधिकता होने के कारण कुछ फाइलें घर पर मंगवा कर काम का निस्तारण किया जाता है.उन्हीं फाइलों को एसीबी ने जब्त किया है


अशोक गहलोत से मिलकर रखेंगी पक्ष


महापौर ने कहा वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर अपना पक्ष रखेंगी, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी होगा. गुर्जर ने कहा पहले भी उनके खिलाफ दो बार हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, लेकिन वह सब नाकाम रहा. जिसके चलते जयपुर शहर के बड़े नेता उनसे दूरी बनाने लगे और एसीबी द्वारा एक फर्जी केस बनाकर उनके पति को गिरफ्तार कर लिया.


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