Jaipur News: मार्च महीने की शुरूआत महंगाई के साथ हुई है. कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम बढने से खान-पान बजट बढ़ जाएगा. तेल-गैस कंपनियों ने आज एलपीजी की कीमतों का रिव्यू करते हुए कॉमर्शियल कुकिंग गैस (LPG) सिलेंडर (19 किलोग्राम) की कीमत बढ़ा दी है यानि आज से 19 किलोग्राम के कॉमर्शियल सिलेण्डर पर 26 रुपये बढ़ा दिए हैं. 


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इससे पहले भी कंपनी ने एक फरवरी को एलपीजी की कीमतों का रिव्यू करते हुए कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में इजाफा किया था. एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष दीपक गहलोत ने बताया कि आज कंपनियों ने कॉमर्शियल सिलेंडर पर कीमत 26 रुपये बढ़ाई, जिसके बाद आज से 19 किलोग्राम का सिलेंडर 1818 रुपये में मिलेगा. इससे पहले एक फरवरी को भी कंपनियों ने कॉमर्शियल गैस सिलेंडर पर 13.50 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा किया था. 


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कंपनियों ने इस रिव्यू में घरेलू उपयोग के गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. घरेलू उपयोग का 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर बाजार में आज भी 906.50 रुपये में ही मिल रहा है हालांकि राज्य में उज्जवला कनेक्शनधारियों को 450 रुपये में सिलेंडर उपलब्ध हो रहा है.


गौरतलब हैं कि सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को गैस सिलेंडर के दामों की समीक्षा करती हैं. इसके बाद दाम घटाने या बढ़ाने या स्थिर रखने का फैसला लेती हैं.


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Jaipur News: राजभवन में राज्य सैनिक बोर्ड की 16वीं बैठक, राज्यपाल कलराज मिश्र ने दिए ये निर्देश


 


Jaipur News: राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्य में जिला और तहसील स्तर पर "वार मेमोरियल" की स्थापना की जाए. उन्होंने इसके लिए चरणबद्ध रूप कार्य करने और उन्हें इस तरह से तैयार किए जाने की आवश्यकता जताई, जिससे लोगों में राष्ट्र भक्ति के भावों का संचार हो सके. 


राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं और आश्रितों से सबंधित योजनाओं और निर्णयों पर संवेदनशीलता रखते हुए प्रस्ताव तैयार कर उन पर वित्त, कार्मिक और राज्य के अन्य विभागों द्वारा प्रभावी कार्य किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने पूर्व सैनिकों की समस्याओं के प्रभावी निराकरण के लिए भी गंभीर होकर कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने जिलों में पूर्व सैनिकों से जुड़े भूमि संबंधित विवादों के निराकरण के लिए भी गंभीर होकर कार्य किए जाने के निर्देश दिए.


राज्यपाल मिश्र ने राजभवन में राज्य सैनिक बोर्ड की 16 वीं बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित बड़ी संख्या में सेना और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया. राज्यपाल मिश्र ने बैठक में पूर्व सैनिकों के आश्रितों के नियोजन में आ रही समस्याओं के त्वरित निराकरण, पूर्व सैनिक कल्याण से संबंधित विभिन्न योजनाओं का व्यावहारिक परीक्षण करवाकर नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन, प्रस्ताव तैयार कर उन पर कार्यवाही करने और सैनिक कल्याण बोर्ड बैठक हर छह माह में कर लिए गए निर्णयों पर प्रभावी कार्यवाही किए जाने के लिए भी निर्देश दिए.


इन मुद्दों पर भी दिए निर्देश
बैठक में द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले ऐसे पूर्व सैनिकों एवं विधवाओं को जिन्हें अन्य किसी स्त्रोत से पेंशन नहीं मिल रही उनकी पेंशन वृद्धि,
ऑपरेशन कैक्टस लिली के दौरान घायल परिवार के सदस्य के नियोजन,न्यायालय संबंधी प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण एवं मॉनिटरिंग, शहीद आश्रितों तथा शौर्य पदक धारकों को नियमानुसार भूमि आवंटन और नकद राशि दिए जाने, शहीद की वीरांगना तथा माता-पिता के साथ एक सहयोगी को निशुल्क यात्रा के प्रस्ताव तैयार कर उनकी व्यवहारिकता का परीक्षण कर कार्यवाही किए जाने पर सहमति जताई गई.


क्या बोले सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़
इससे पहले सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से भारतीय सैनिकों का मान सम्मान बढ़ा है. उन्होंने अग्निवीर योजना, वन रैंक वन रैंक पेंशन आदि को महती बताते हुए कहा कि राज्य सरकार स्तर पर भी इसी तर्ज पर सैनिक कल्याण के कार्य तेजी से किए जाएंगे. उन्होंने जिला और तहसील स्तर पर वार मेमोरियल बनाए जाने, वहां राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत करने वाले कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और सैनिक कल्याण कार्यों, समस्याओं के निदान में आधुनिकीकरण अपनाते हुए कार्य किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के एजुकेशन सर्टिफिकेट को मान्य किए जाने पर भी राज्य सरकार स्तर पर विचार कर कार्यवाही की जाएगी.


क्या बोले मुख्य सचिव सुधांश पंत 
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, आश्रितों और वीरांगनाओं की समस्याओं के समयबद्ध निराकरण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समस्या निवारण के लिए बने "संपर्क पोर्टल" पर एक अलग खंड पूर्व सैनिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए हो ताकि पूर्व सैनिकों, आश्रितों और वीरांगनाओं से जुड़ी समस्याओं का समयबद्ध प्रभावी समाधान हो सके. उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा समन्वय रखकर पूर्व सैनिक कल्याण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किए जाने पर भी जोर दिया.