Christmas 2024: वाराणसी के महमूरगंज चर्च में बुधवार को क्रिसमस का जश्न भोजपुरी कैरोल्स के साथ मनाया गया. इस चर्च को "भोजपुरी चर्च" के नाम से भी जाना जाता है, जहां 1986 से यह अनोखी परंपरा निभाई जा रही है.
Trending Photos
Bhojpuri Christmas Carols: कल यानी 25 दिसंबर को दुनिया भर में क्रिसमस का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. ईसाई धर्म के लोग इस दिन को यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं. क्रिसमस को साल का सबसे बड़ा आखिरी त्योहार भी कहा जाता है. इस दिन लोग एक-दूसरे को 'मैरी क्रिसमस' कहकर शुभकामनाएं देते हैं.
हालांकि, इस क्रिसमस पर वाराणसी के "भोजपुरी चर्च" के नाम से मशहूर महमूरगंज चर्च में एक अलग सांस्कृतिक माहौल देखने को मिला. इस चर्च में भोजपुरी में कैरल गाए गए, ताकि चर्च की सेवाओं को स्थानीय समुदाय तक पहुंचाया जा सके और लोगों की अपनी बोली में ईसा मसीह के 'जन्म' का जश्न मनाया जा सके. साल 1986 में शुरू हुई इस परंपरा में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए इस आयोजन ने स्थानीय संस्कृति और धर्म के मेल का खूबसूरत उदाहरण पेश किया.
ये भी पढ़ें: 12 बीवियों से पैदा किए 102 बच्चे, नाम भूलने से बचने के लिए बनवाया रजिस्टर, नाती-पोतों की लिस्ट देख उड़ जाएंगे होश!
चर्च में भोजपुरी गानों के साथ मना क्रिसमस
वाराणसी के निवासी लिटिल रव ने इस मौके पर कहा, "यह दिन खुशी मनाने का है. हम चाहते हैं कि ईश्वर का प्रेम परिवार, दोस्तों और समुदाय में शांति और सौहार्द्र लेकर आए." उन्होंने बताया कि भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल लोगों को यीशु मसीह के संदेश से गहराई से जोड़ने का काम करता है. उन्होंने कहा कि "पादरी एंड्रयू थॉमस, पैरिश पादरी ने एकत्रित भीड़ को भोजपुरी में संबोधित किया. थॉमस ने 'पीटीआई-वीडियो' को बताया, "भोजपुरी सिर्फ़ एक क्षेत्रीय भाषा नहीं है, बल्कि यह यहां के लोगों के साथ गहराई से जुड़ती है. कई लोग अंग्रेजी में प्रार्थना को पूरी तरह से समझ नहीं पाते हैं, इसलिए अपनी मातृभाषा में प्रार्थना करने से उन्हें संदेश से ज़्यादा जुड़ाव महसूस होता है." उन्होंने बताया कि 1986 में स्थापित यह चर्च समुदाय की सेवा कर रहा है। यहां नियमित रूप से रविवार की प्रार्थना सभा आयोजित होती है और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियां की जाती हैं.
VIDEO | UP: 'Bhojpuri Church' in Varanasi celebrates Christmas with carols in local language.
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/aqveInnIG5
— Press Trust of India (@PTI_News) December 25, 2024
वाराणसी के चर्च में गुंजा भोजपुरी
चर्च में इस उत्सव में महिलाओं की विशेष उपस्थिति थी, जिनमें से कई ने स्थानीय रीति-रिवाजों का पालन करते हुए साड़ी पहनी थी और सिंदूर लगाया था. इस बीच लखनऊ के हजरतगंज में सेंट जोसेफ कैथेड्रल में क्रिसमस की धूम रही. समारोह में बड़ी संख्या में आगंतुक आए जिनमें अलग-अलग धर्मों के लोग भी शामिल थे. इससे उत्सव का माहौल और भी बढ़ गया. वर्षों से कैथेड्रल की क्रिसमस के जश्न में भाग लेते आ रहे शहर के निवासी राकेश ने कहा, "इस साल कैथेड्रल ने एक डांस प्रदर्शन का भी आयोजन किया है, जो हमारे उत्साह को और बढ़ा रहा है". उन्होंने कहा, "पहले यहां बहुत भीड़ होती थी, लेकिन आज यहां शांति है. हमें बड़ी भीड़ की कमी खल रही थी, लेकिन फिर भी जश्न शानदार है. मैं आज अपनी पत्नी, बहन, बेटे और बेटी के साथ यहां आया हूं."
ये भी पढ़ें: ये कैसा रेलवे स्टेशन का नाम? रुकने का नाम नहीं ले रहा, क्या आपको मालूम है 57 अक्षर वाला अनोखा स्टेशन
महिलाओं ने भी लिया हिस्सा
एक महिला ने बताया कि "यह बहुत सुंदर कार्यक्रम है. मैं अपने पूरे परिवार के साथ क्रिसमस उत्सव का आनंद लेने आयी हूं." पहली बार गिरजाघर में आई एंजल ने इस अनुभव पर अपनी खुशी व्यक्त की. उन्होंने कहा, "गिरजाघर में संगीतमय प्रदर्शन मंत्रमुग्ध कर देने वाले थे," उन्होंने बताया कि कैसे चर्च की विशेष व्यवस्था ने इस कार्यक्रम को उनके लिए और भी यादगार बना दिया। भाषा किशोर सलीम शोभना शोभना.
भाषा