Jaipur, Viratnagar: पावटा पंचायत समिति सदस्यों ने सोमवार को पंचायत समिति पावटा में आयोजित साधारण सभा का बहिष्कार करते हुए अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. सदस्यो ने बताया कि मांगों को लेकर सदस्यो द्वारा करीब 10 माह से बहिष्कार जारी है.


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मांगों को लेकर जारी रहेगा बहिष्कार- समिति 


जब तक सरकार हमारी 9 सूत्री मांगों को नहीं मानेंगे जब तक बहिष्कार जारी रहेगा. सदस्य ओमवती धनखड़ ने बताया कि नौ सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व में पंचायत समिति सदस्यों द्वारा शहीद स्मारक पर धरना दिया गया. वहीं विधानसभा का घेराव किया, विराटनगर विधायक इंद्राज सिंह गुर्जर और ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री एवं मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया. लेकिन फिर भी सरकार पंचायत समिति सदस्यों की 9 सूत्री मांगों को मानने को तैयार नहीं है.


बैठक ना बुलाने पर जताई नाराजगी


सरकार जब तक नहीं मानेगी तब तक बहिष्कार जारी रहेगा. ज्ञापन में बताया कि पंचायत समिति सदस्य / डायरेक्टर का निर्वाचन को 5 वर्ष के कार्यकाल लिये होता है. लेकिन उनका प्रधान के मतदान उपरान्त महत्व व औचित्य शून्य व गौण हो जाता है.मतदाताओं को किसी भी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने का अधिकार नहीं हैं, प्रशासनिक व वितिय अधिकार प्राप्त नहीं. केवल मात्र पंचायत समिति की साधारण सभा. बैठक की कोरम पूर्ति करने के संसाधन मात्र होते है जो भी 6 माह में पंचायत समिति प्रधान द्वारा एक बार ही आयोजित की जाती है.


ये हैं 9 सूत्रीय मांगें


हर पंचायत समिति सदस्य को सांसद विधायक की तरह अपने क्षेत्र का विकास करने के लिए विशेष बजट आवंटित किया जाए जाना चाहिए. ग्राम पंचायत द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्यों की मॉनिटरिंग इत्यादि का प्रभावी अधिकार पंचायत समिति सदस्यों के पास होना चाहिए. विकास कार्यों का सत्यापन सदस्यों द्वारा करवाया जाना चाहिए. सरपंच पंचायत समिति प्रधान, जिला प्रमुख की भांति पंचायत समिति सदस्यों/ डायरेक्टगण को भी प्रशासनिक अधिकार ( विभिन्न दस्तावेजों का सत्यापन / प्रमाणिकरण करने का अधिकार) देने के लिये विभाग स्तर से प्रपत्र जारी किये जाये, अपने निर्वाचन क्षेत्र (ब्लॉक स्तर) के विकास के लिये केन्द्र व राज्यों से प्राप्त अनुदान राशि, (एसएफसी, टीएफसी व अन्य योजनाओं) में से पंचायत समिति सदस्य को, दलगत राजनीति से उपर उठकर अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य करवाने हेतु निर्धारित अनुपात में राशि उपलब्ध करवाई जाये. 


प्रपत्र की अनिवार्यता को हटाने की मांग


अपने ब्लॉक / वार्ड में पंचायत समिति मद से विकास कार्य स्वीकृत करवाने के लिये संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा प्रपत्र से 5 दिये जाने की अनिवार्यता को हटाया जाये, इसकी जगह पंचायत समिति सदस्यों से प्रपत्र सं. 5 लिये जाने की स्वीकृति जारी की जाये, स्वायतशासी संस्थाओं (शहरी निकायों) के पार्षदों व पंचायत राज संस्थाओं के प्रधान, जिला प्रमुख एवं सरपंच की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी मासिक मानदेय न्यनतम 10,000/- रूपये स्वीकृत किये जाये. पंचायत समिति सदस्य के ब्लॉक / वार्ड में होने वाले प्रत्येक विकास व निर्माण कार्याे के पूर्णतया, उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यूसी सीसी) पर पंचायत समिति सदस्य के हस्ताक्षर मय मोहर अनिवार्य किये जाये, पंचायत समिति सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायत की कोरम बैठक व मासिक बैठको में लिये जाने वाले निर्णयों (पट्टा पत्रावलियों, अतिक्रमण आदि मुद्दों) में कोरम के साथ विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किये जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी करवाए.


ब्लॉक / वार्ड क्षेत्र में होने वाले प्रत्येक विकास कार्य की शिलालेख पट्टिका पर पंचायत समिति सदस्य का नाम लिखे जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी किया जाये, पंचायत समिति सदस्य के ब्लाक / वार्ड में पंचायत समिति से स्वीकृत विकास कार्यों में सदस्य की अनुशंषा अनिवार्य की जाये., पंचायत समिति सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों की (प्रशासनिक स्वीकृति वित्तिय स्वीकृति आदि) का प्रगति विवरण (एपीआर) उपलब्ध करवाने के दिशा निर्देश जारी करें. यदि पंचायत समिति सदस्यों की भावना की ओर सरकार ध्यान नहीं देती है तो आंदोलन को ओर गति दी जायेगी.


Reporter- Amit Yadav


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