जयपुर: करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाली गैंग का खुलासा, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
जयपुर न्यूज: सी.एस.टी. (क्राइम ब्रांच) जयपुर ने बड़ी कार्रवाई की है. सोडाला में करोड़ों की धोखाधडी करने वाली गैंग का खुलासा किया गया है. आरोपियों के कब्जे से 9 लाख 95 हजार रुपये नगद बरामद किए गए हैं.
Jaipur: जयपुर में स्पेशल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह को दबोचा है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रथम कैलाश चन्द बिश्नोई ने बताया कि जयपुर शहर में फर्जी कागजात तैयार कर बैंक से लोन प्राप्त कर और ऑन-लाईन बैंकिंग के जरिए से लोन लेकर धोखाधड़ी करने वालों की शिकायतें लगातार मिल रही थी.
ऐसे गिरोह पर नकेल कसने के लिए जयपुर पुलिस कमिशनरेट की C.ST. टीम का गठन किया गया. पुलिस थाना सोडाला में परिवाद द्वारा सोनू मेहरा ने परिवाद दिया कि कुछ लोगों द्वारा फर्जी तरीके से जालसाजी करते हुए प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना के तहत गरीब लोगों को बैंकों से लोन दिलाने के लिए नौकरी का फर्जी वेतन प्रमाण पत्र बनाकर मोटी रकम हड़पने का काला कारनामा किया जा रहा है.
इस शिकायत पर सीएसटी ने पुलिस थाना सोडाला की टीम के साथ कार्रवाई करते हुए फर्जी गिरोह के सरगना विकास अग्रवाल सहिल , विशाल शर्मा , रविकान्त शर्मा उर्फ रवि, योगेश चौधरी और रामावतार वर्मा को गिरफ्तार किया गया . आरोपियों के कब्जे से 9 लाख 85 हजार रुपये नगद, 2 लग्जरी वाहन फर्जी नम्बर प्लेट लगी हुयी, 20 मोबाईल फोन, 3 दर्जन करीब बैंक की पासबुक, 18 एटीएम, 13 पेन कार्ड, आईडी कार्ड, 2 वर्जन करीब सिम, 200 करीब खाली चेक, 1 दर्जन करीब चेकबुक, 1 दर्जन फर्जी मोहर विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी विभागों की 150 करीब अलग-अलग फोटो पासपोर्ट साइज फोटो, लैपटॉप और हिसाब किताब की दो डायरी बरामद कर जब्त किया गया है .
ऐसे करते हैं वारदात
गिरफ्तार आरोपियों से अभी तक हुई पूछताछ में सामने आया गैंग द्वारा सबसे पहले गरीब तबके के लोगों को टारगेट बनाया जाता है. गरीब तबके के लोगों को लालच देकर उसके ऑरिजनल आधार कार्ड हासिल किए जाते है. इसके बाद उस टारगेट को फर्जी निगम कर्मचारी या कहीं अन्य विभाग का कर्मचारी बनाकर उसके नाम से फर्जी पे स्लिप जीए-55, बैंक स्टेटमेंट वगैरह बनाए जाते है.
इसके बाद फर्जी बैंक स्टेटमेंट के आधार पर प्राप्त किये गये आधार कार्ड में ऑनलाइन पता बदल देते है. उस आधार कार्ड से बैंक में खाता खुलवाकर एटीएम, बैंक पासबुक,चेक बुक व सिम हासिल कर लेते हैं. आरोपी इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टारगेट को साथ ले जाकर बैंक से इनके के नाम पर पर्सनल लोन प्राप्त कर लेते है या फिर ऑनलाइन लोन हासिल कर लेते है और फर्जी दस्तावेज अपने कब्जे में रखते है.
लोन पास होने पर उन फर्जी खाते से आरोपी रकम खुद निकाल लेते है और प्राप्त राशि का आरोपी आपस में बंटवारा कर लेते है. आरोपी अभी तक करोड़ों रुपये का फर्जी लोन प्राप्त कर चुके है. आरोपियों द्वारा 12 विभिन्न विभागों जिनमें से उपायुक्त निगम नगर निगम हेरिटेज, प्रमुख शासन सचिव विधि, खान एवं गोपालन विभाग शासन सचिवालय जयपुर, निर्मला हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर, आईडीबीआई बैंक लिमिटेड जयपुर, पर्सनल सचिव और अन्य विभागों की फर्जी सीलें बना रखी है. जिनसे फर्जी दस्तावेज प्रमाणित करने के उपयोग में लेते है.गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ चल रही है.
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