Jaipur News:खान विभाग की कार्यशैली से इन दिनों विभाग से रिटायर हो चुके अधिकारी और कर्मचारी खासे परेशान हैं. दरअसल कई ऐसे मामले लंबित चल रहे हैं, जिनमें न तो सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ कोई चार्जशीट लम्बित थी, न ही अन्य किसी तरह का कोई मामला विचाराधीन था. 


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पेंशन जारी करने में विभाग स्तर पर देरी
इसके बावजूद इन कार्मिकों को पेंशन देने में देरी की जा रही है. विभाग में ऐसे मामले इक्का-दुक्का नहीं, बल्कि दर्जनभर अधिकारियों-कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के महीनों बाद भी पेंशन देने में देरी की जा रही है. विभागीय सूत्रों की मानें तो पहले तो रिटायर हुए अधिकारी-कर्मचारी को विजिलेंस सर्टिफिकेट देने के नाम पर परेशान किया जाता है. 



6 से 8 महीने में दिए जा रहे विजिलेंस सटिफिकेट
रिटायर हुए कार्मिक को विभाग के स्तर पर 5 से 7 महीने तक विजिलेंस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता. इसके बाद विजिलेंस सर्टिफिकेट मिलता है है तो पेंशन के पोर्टल आईपीएमएस पर आवेदन करने में परेशानी होती है. 


 पूर्व में आईपीएमएस 2.0 को बंद कर दिया गया था, जिसे दिसंबर 2023 में खोला गया. इसके बाद कार्मिकों को पेंशन मिलना शुरू हो सकी है. वहीं रिटायरमेंट बेनेफिट देने के मामले में भी इसी तरह की ढिलाई देखी जा रही है.



खान विभाग में सेवानिवृत्त कर्मचारी-अधिकारी परेशान


- पेंशन बनने में हो रही देरी के चलते परेशान


- अधीक्षण भू वैज्ञानिक राजकुमार शर्मा को पेंशन मिलने में हुई देरी
- अप्रैल 2023 में हुए रिटायर, पेंशन शुरू हुई फरवरी 2024 से


- एडिशनल डायरेक्टर से रिटायर्ड प्रदीप अग्रवाल को हुई देरी
- दिसंबर 2022 में हुए रिटायर, पेंशन शुरू हुई मई 2024 से


- एडिशनल डायरेक्टर से रिटायर्ड अनिल वर्मा को हुई देरी
- मई 2023 में हुए रिटायर, मार्च 2024 से शुरू हो सकी पेंशन


- देवपुरा, मरमठ, एसएस झमरानी सहित कई अधिकारियों को हुई परेशानी
- कई मामलों में चार्जशीट का निस्तारण होने के बाद भी पेंशन शुरू नहीं


- मांग कि जिनके खिलाफ जांच लंबित नहीं, उनकी प्रोविजनल पेंशन शुरू हो
- लेकिन सॉफ्टवेयर में इस तरह का प्रावधान नहीं


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