Jaipur: वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने सहित अन्य मांगों को लेकर आज जयपुर कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया गया. 


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अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आव्हान पर राज्य कर्मचारी प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर जिला अध्यक्षों के नेतृत्व में धरने-प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपें.


महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया राज्य सरकार ने अपने 4 साल के कार्यकाल में वेतन विसंगतियों को दूर करने के नाम पर केवल कमेटी गठित की है. उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार ने वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए सामंत कमेटी का गठन किया था. जिसने सभी संगठनों की सुनवाई करने के बाद अपनी रिपोर्ट 5 अगस्त 2019 को राज्य सरकार को सौंप दी थी लेकिन कांग्रेस सरकार ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बजाए कर्मचारियों को गुमराह करते हुए एक और कमेटी  खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर दी और इस कमेटी का कार्यकाल बढ़ाते हुए अपने 4 साल के समय को संगठनों से वार्ताओं में निकाल दिया.


अब 31 दिसंबर 2022 को कमेटी का कार्यकाल पूरा हो रहा है. महासंघ (एकीकृत) कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है. राठौड़ ने कहा कि यदि सरकार ने रिपोर्ट को प्रकाशित नहीं किया और कर्मचारियों की लंबित मांगों की अनदेखी की तो आने वाले समय में सरकार को कर्मचारियों के एक बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा. 


जिसके लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी. राठौड़ ने बताया कि आज पूरे प्रदेश में सभी जिला कलेक्ट्रेट पर कर्मचारियों के धरने प्रदर्शन किए गए और लंबित मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का दिए गए. राठौड़ ने बताया अगर राज्य सरकार ने जल्द ही कर्मचारियों के हित में फैसले नहीं लिए तो 4 जनवरी से महासंघ द्वारा सभी संभाग स्तर पर धरने प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे उसके बाद भी अगर सरकार नहीं मानी तो फरवरी महीना में जयपुर में एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.


Reporter-Anup Sharma


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