Rajasthan News: राजधानी जयपुर में गुलाल से ज्यादा फूलों की होली खेली जा रही है. होली पर शहरवासी जितने गुलाल का उपयोग करते हैं, उससे कई गुना ज्यादा यहां के मंदिरों में फूलों का उपयोग किया जा रहा है. जयपुर के मंदिरों में गुलाल के बजाए गुलाब और अन्य फूलों से होली खेली जा रही है. जानकारी के अनुसार, जयपुर में दो दिन में करीब 35 हजार किलो गुलाल बिक्री हो सकती है. वहीं, ठाकुर जी के मंदिरों में फूलों की होली खेलने के लिए रोजाना करीब 20 हजार किलो फूल जयपुर की फूल मंडी में आ रहे हैं. वहीं, मंदिरों में बीते एक सप्ताह में अब तक करीब 1.40 लाख किलो फूलों का उपयोग किया जा चुका है. 


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अलग-अलग फूलों से हो रहा ठाकुर जी का शृंगार 
शहरवासी होली पर जितना गुलाल उड़ाएंगे, उससे करीब 80 हजार किलो ज्यादा फूल पिछले एक सप्ताह के दौरान रोजाना दो घंटे मंदिरों में होने वाले फागोत्सव में उपयोग किए जा चुके हैं. इतना ही नहीं, जयपुर के चार प्रमुख मंदिर आराध्य देव गोविंददेवजी मंदिर, प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर, प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर और खोले के हनुमान मंदिर में अब तक करीब 4 हजार किलो फूल से होली खेली जा चुकी है. साथ ही रोजाना ठाकुरजी का भी अलग-अलग फूलों से शृंगार किया जा रहा है. अभी होली में दो दिन बाकी हैं, लेकिन अब तक खाटू श्याम बाबा के मेले में करीब सवा लाख किलो फूलों का इस्तेमाल हो चुका है. 


23 साल से गोविंददेवजी मंदिर में खेली जा रही फूलों की होली
गोविंददेवजी मंदिर में 23 साल पहले से हर साल फाग में फूलों की होली खेली जाती है. मिली जानकारी के अनुसार, साल 2001 में भगवद् कथा वाचक श्रीकांत शर्मा गोविंददेवजी मंदिर के पीछे स्थित जय निवास उद्यान में कथा करने आए थे. तब कथा के एक प्रसंग के दौरान उन्होंने फूलों की होली का कार्यक्रम आयोजित किया था जो गोविंद भक्तों को काफी रास आया था और तभी से ये परंपरा चली आ रही है. 


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