Rajasthan News: डीजीजीआई जयपुर जोनल यूनिट ने करोड़ों के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. डीजीजीआई जयपुर जोनल यूनिट के अधिकारियों द्वारा खुफिया जानकारी विकसित कर कार्रवाई की गई. संदिग्ध फर्जी आईटीसी लाभार्थी ने एक बैंक खाते में पर्याप्त राशि हस्तांतरित की थी, जहां से इस राशि को दो अलग-अलग APMC (Agricultural Produce Market Committee) लाइसेंस द्वारा खोले गए फर्मों के बैंक खातों में भेजा जा रहा था. भारी मात्रा में रोज नगद राशि की जा रही थी. 


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करोड़ों के फर्जीवाड़े के दोनों मास्टरमाइंड
डीजीजीआई को जांच से पता चला है कि इन दोनों फर्मों ने विभिन्न बैंकों में 19 खाते खोले थे, जिनमें पिछले एक साल के दौरान लेयरिंग के बाद बड़े पैमाने पर नकदी की निकासी हुई है. सभी 19 बैंक खाते अस्थायी रूप से कुर्क कर लिए गए हैं, जिनमें 4.01 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है. इन दोनों बैंक खातों में लगभग 1800 करोड़ के लेनदेन किए गए और लगभग 800 करोड़ का नगद राशि निकाली गई. डीजीजीआई, जयपुर जोनल यूनिट के अधिकारियों ने 31 मई को रेकी की. रेकी के बाद फरार चल रहे दोनों मास्टरमाइंड अंकित बंसल और राजेश गोयल को पकड़कर पूछताछ की जा रही है. 


सरकार को करोड़ों रुपये का लगाया चूना 
दोनों मास्टरमाइंड अंकित बंसल और राजेश गोयल ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि दोनों ने मिलकर फर्जी तरीके से आईटीसी का लाभ उठाया. दोनों आरोपियों द्वारा संचालित 353 से अधिक फर्मों से, बिना किसी संबंधित सामान या सेवाओं की आपूर्ति के लगभग 3800 करोड़ से अधिक का कर योग्य मूल्य एवं 700 करोड़ रुपये से अधिक की नकली आईटीसी का लाभ उठाकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया. डीजीजीआई की टीम द्वारा आरोपियों के एक ऑफिस का पता लगाया गया, जहां लाभार्थियों को वापस लौटाने के लिए नकदी एकत्र की जा रही थी और तलाशी के दौरान 2.42 करोड़ से अधिक नकदी बरामद की गई है. इसके अलावा 2.67 करोड़ का आईटीसी सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 86-ए के तहत ब्लॉक कर दिया गया है. डीजीजीआई विभाग द्वारा मामले की जांच जारी है. 


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