Jaipur News: जयपुर में चल रहे G20-W20 में महिलाओं के विकास से सम्बंधित मुद्दों पर मंथन शुरू किया गया. महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही उनकी लीडरशिप बढ़ाने तथा राजनीतिक सशक्तिकरण पर चर्चा की गई. 


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मंथन में निकलकर आया कि अन्य प्रमुख मुद्दों के साथ महिलाओं का राजनीतिक सशक्तिकरण जरूरी है ताकि वो पॉलिसी मेकर बन सकें. वहीं पहले दिन बैठक में "मिशन डिजिटल महिला“ की शुरुआत की गई है.


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जयपुर के होटल ललित में गुरुवार सुबह जी 20 के महिला समूह की अंतरराष्ट्रीय बैठक शुरू हुई . इस दो दिवसीय बैठक में महिलाओं के सम्पूर्ण विकास के लिए पांच सूत्री बिंदुओं पर चर्चा की गई. इसके साथ ही इस दौरान कॉल टू एक्शन''-W20 पहल मिशन का शुभारंभ किया गया. इसके तहत वित्तीय और डिजिटल साक्षरता और कौशल कार्यक्रम किए जाएंगे. दूसरे सत्र में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए इको सिस्टम निर्माण को लेकर मंथन किया गया. 


महिलाओं की लीडरशिप को बढ़ाने पर मंथन किया गया
इस दौरान मीडिया से मुखातिब हुई पीएम आर्थिक परिषद की सलाहकार परिषद सदस्य डॉ. शमिका रवि ने कहा कि जी 20 में कई वर्किंग ग्रुप होते हैं, इनमें एक महिलाओं से सम्बंधित ग्रुप है. जयपुर में इस ग्रुप की यह दूसरी बैठक है. भारत की ओर से महिलाओं के संपूर्ण विकास के लिए पांच प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई है. इनमें वीमन आंत्रप्रन्योरशिप, स्किल एज्युकेशन और लेबर, डिजिटलाइजेशन, क्लाइमेट चेंज और ग्रासरूट लेवल लीडरशिप को बढ़ाने पर मंथन किया गया. 


क्लाइमेट चेंज का प्रभाव सबसे ज्यादा महिलाओं पर 
डॉ. रवि ने कहा कि भारत ही नहीं, विश्व के कई देशों में औरतों का लेबर पार्टिपेशन कम रहता है या नहीं है. वहीं महिलाओं की डिजिटल योग्यता को बढ़ाना है. क्लाइमेट चेंज का प्रभाव सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ता है. ऐसे में इनके लिए कौन कौन सी पॉलिसी होनी चाहिए इस पर मंथन किया गया. ग्रासरूट लेवल लीडरशिप कैसे बढ़ाएं. हालांकि हमारे देश में 47 प्रतिशत महिलाएं पंचायत स्तर पर लीडर हैं, लेकिन स्थिति को बेहतर करना है. कई देशों के प्रतिनिधियों के सुझाव लिए जा रहे हैं. ड्राफ्टिंग कमेटी भारत की अध्यक्षता में इसमें कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. दो दिन की बैठक में निचोड आए उसे पीएम और अन्य राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में रखा जाएगा.


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महिलाओं की स्थिति में सुधार हो रहा 
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की वकील बांसुरी स्वराज ने कहा कि भारत में महिलाओं की स्थिति में सुधार हो रहा है. महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनना होगा. इसके लिए महिलाओं को पैसा कमाना, निवेश बचत और कर देना है कैसे है, यह सिखाना है. महिलाओं को समझाया जाए कि निवेश करने से पैसा बढता है. उन्हें तकनीकी रूप से सशक्त करना होगा ताकि पता चले कि पैसा सीधे खातों में पहुंच रहा है, उन्हें बैंकों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है. डिजिटली लिट्रेसी के कारण वो अपना बिजनेस बढ़ा सकती है. इसी तरह महिलाओं की राजनीति में भागीदारी ज्यादा से ज्यादा बढ़ानी होगी ताकि नीति निर्धारण में भागीदारी हो सके.


तीन पीढ़ियों पर जिम्मेदारी
बांसुरी स्वराज पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता सुषमाा स्वराज की पुत्री भी हैं. उनसे राजनीति में मां सुषमा के व्यक्तित्व को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी मेरे अकेले के कंधों पर नहीं बल्कि मेरी जनरेशन उससे पहले और बाद की जनरेशन की है. सभी लोगों पर आई है. स्वराज ने जो किया, उसके बाद स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, मीनाक्षी लेखी आदि उस परम्परा को आगे बढ़ा रही हैं. तमाम महिलाएं हैं, जो राजनीतिक रूप से सशक्त होकर बढ़ रही है. पीएम मोदी के कैबिनेट में इस बार सबसे ज्यादा महिला मंत्री शामिल की गई हैं.