Jaipur: राजस्थान एंटरप्राइजेज सिंगल विंडो इनेबलिंग एंड क्लीयरेंस एक्ट, 2011 और राजस्थान इनवेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम के तहत कस्टमाईज्ड पैकेज के लाभ देने पर विचार करने के लिए स्टेट एम्पावर्ड कमिटी (एसईसी) ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर चर्चा की. इससे राज्य में 11,993.48 करोड़ रुपयों के निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा. एसईसी की इस 40वीं बैठक मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में हुई. 


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इसके तहत आने वाले प्रोजेक्टस मैन्यूफेक्चरिंग, सीमेंट, केमिकल्स, टैक्सटाइल, ऑटोमोबाइल्स और हॉस्पिटालिटी सेक्टर से हैं. इन परियोजनाओं से राज्य में 8,815 नए रोजगार की संभावना बढ़ेगी. स्टेट एम्पावर्ड कमिटी द्वारा अनुशंसित प्रोजेक्ट्स को अंतिम अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता वाले बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट के समक्ष पेश किया जाएगा.


राज्य में विकास को बढ़ावा मिलेगा


राजस्थान एंटरप्राइजेज सिंगल विंडो इनेबलिंग एंड क्लीयरेंस (संशोधित) एक्ट, 2020 के अनुरूप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बोर्ड आॅफ इन्वेस्टमेंट का गठन किया गया है. राज्य में निवेश करने वाली कुछ कंपनियों में जे सी4वी प्रा. लिमिटेड, वंडर सीमेंट, फोर्टील्लिा इंडस्ट्रीज प्रा. लिमिटेड, बडवे ग्रूप, माया हिल रिजॉर्ट एलएलपी, संगम वेंचर्स लिमिटेड और जेके सीमेंट लिमिटेड आदि शामिल है. इन निवेश से ना केवल राज्य में विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.


उद्योग और वाणिज्य अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने कहा कि निवेशकों ने राज्य सरकार की योजनाओं पर भरोसा जताया है. हमारा लक्ष्य राज्य में निवेश को सुगम बनाने का है और इस प्रयास का नेतृत्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर रहे हैं. 40वीं एसईसी बैठक में प्रस्तुत की सिफारिशें राज्य में नए अवसरों और विकास की संभावनाएं प्रस्तुत करती हैं.


राजस्थान इनवेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (रिप्स) 2022, राजस्थान इंडस्ट्रियल पॉलिसी-2019, एमएसएमई पॉलिसी 2022, राजस्थान इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2022, राजस्थान स्टार्ट-अप पॉलिसी 2022 और राजस्थान टूरिज्म पॉलिसी-2020 जैसी निवेशक-अनुकूल नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन से राजस्थान देश में निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा निवेश स्थल बन गया है.