Jaipur news: विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए कई नेताओं की प्रतिष्ठा तक दांव पर लगी थी. नागौर की खींवसर विधानसभा सीट पर तो हार-जीत में मूंछों का सवाल तक आ गया. चुनाव परिणाम के बाद खींवसर से चला मूंछों का यह मामला राजधानी जयपुर तक पहुंच गया. सिविल लाइन में कई जगह मूंछों के होर्डिंग लगाए गए हैं, जिनके अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं.

 

विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों ने कई प्रकार के दांव पेंच अपनाएं. नेताओं ने बयानों से एक दूसरे पर निशाना साधा तो खींवसर में बात मूंछों की लड़ाई पर आ गई. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने तो बीजेपी प्रत्याशी रेवंतराम डांगा के चुनाव नहीं जीतने पर अपनी दाढी- मूंछें मुंडवा लेने तक की घोषणा की.

 

हालांकि उन्होंने यह कहकर बात संभाली कि तिरूपति जाकर मूंछें मुंडवा लेंगे. मंत्री की इस घोषणा की न केवल खींवसर पर बल्कि प्रदेशभर में चर्चा हुई. इधर चुनाव परिणाम आया तो खींवसर सीट पर रेवंतराम डांगा ने चुनाव जीता. रेवंतराम डांगा के चुनाव जीतने पर ही बात खत्म नहीं हुई बल्कि नागौर सांसद और आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने समर्थकों से कहा कि राजा साहब जो जाकर रोए बार बार कि मेरी दाढी मूंछें कट जाएगी.

 

चुनावी हार में मूंछे भी बहुत बड़ा काम कर गई. यह बीजेपी की जीत नहीं है. दूसरी ओर परिणाम घोषणा होने के बाद सिविल लाइन में मुख्यमंत्री आवास के सामने गली में बने खींवसर हाउस के आसपास मूंछों के होर्डिंग लग गए. होर्डिंग खींसवर हाउस के सामने, गली के दरवाजे के दोनों तरफ तथा सिविल लाइन में सीएम हाउस के सामने की तरफ वाली सड़क पर लगे हुए हैं.

 

होर्डिंग पर मूंछों के चित्र के साथ हैसटेक खींवसर लिखा हुआ है. ये होर्डिंग सिविल लाइन आने जाने वालों के कौतुहल का विषय बने हुए हैं. इन होर्डिंग को देखकर साफ समझा जा सकता है कि इनके लगाने के पीछे की मंशा क्या है ?