Rajasthan News: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है. गहलोत के सरकार को सर्कस बताने वाले बयाने के बाद सीएम भजनलाल शर्मा के जवाब और मंत्रियों के पलटवार के बाद गहलोत ने कहा कि वे खुद तो विपक्ष में हैं, इसलिए कह रहे हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के लोग और जनता भी सरकार को सर्कस बता रहे हैं. गहलोत ने कहा कि उन्होंने सिर्फ जनता की बात रखी थी. उस पर अगर सरकार को बयान देना भी था तो एक बयान काफी था, लेकिन सरकार में तो चार-चार मंत्रियों के बयान आते दिख रहे हैं. गहलोत ने कहा कि आखिर इसका कारण क्या है... यह भी समझना चाहिए.


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गहलोत की भजनलाल सरकार को नसीहत
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सरकार के कामकाज की तुलना सर्कस से क्या की. जिसके बाद बीजेपी नेताओं और सरकार के मंत्रियों के बयानों का रुख गहलोत की तरफ हो गया. सीएम भजनलाल शर्मा ने भी कहा कि पूर्व सीएम ने खुद पांच साल सर्कस चलाया ... इसलिए उन्हें ऐसा ही दिखता है. अब अपने बयान पर पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि जनता ही फैसला करती है कि किसके वक्त में क्या हुआ? गहलोत ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की भलाई के लिए अपनी भावना बताई है. जिस तरह वे दिल्ली से जयपुर के बीच अप-डाउन कर रहे हैं, उससे जनता में इस सरकार का पहला इम्प्रेशन ही ठीक नहीं गया. गहलोत ने कहा कि आज गांव-गांव में कांग्रेस की चर्चा क्यों होती है? वे बोले कि हमारी योजनाओं की पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है. गहलोत ने कहा कि सीएम भजनलाल शर्मा को एक सर्वे करवाना चाहिए कि उनकी सरकार के बारे में लोग क्या बातें कर रहे हैं?



कांग्रेस सरकार की योजनाओं की चर्चा
गहलोत ने कहा कि हम तो विपक्ष में हैं. इसलिए बोल रहे हैं... लेकिन जो सत्ता पक्ष के लोग हैं, वो निजी तौर पर क्या बात करते हैं. यह भी हम जानते हैं. गहलोत ने कहा कि बड़ी बात यह भी हैं कि आज प्रदेशवासी क्या सोचते हैं? पूर्व सीएम बोले कि अभी तो उनकी सरकार को ज्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन आठ-दस महीने का समय कम भी नहीं होता है. गहलोत बोले कि वो कब तक 5 साल- 5 पांच साल करते रहेंगे. गहलोत ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार की योजनाओं को आज या तो बंद किया जा रहा है या उनको कमजोर किया जा रहा है. पूर्व सीएम बोले कि आज लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिल रही है. राशन का किट लोगों को मिल रहा था, उसे भले ही फोटो बदलकर देते, लेकिन लोगों तक फायदा पहुंचना चाहिए था. 



गहलोत बोले कि मैंने जो कहा, उसमें मेरी कोई दुर्भावना नहीं थी. बल्कि मैंने तो मुख्यमंत्री के इंटरेस्ट में कहा. पूर्व सीएम बोले कि सरकार नई-नई बनी है. ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि सरकार को मजबूती दें और सच्चाई बताएं. गहलोत बोले कि इसके दो फायदे हैं. एक तो गवर्नेंस अच्छी होती है, तो अंतिम फायदा जनता को मिलता है. विकास नहीं रुकता है और दूसरा यह कि आधारभूत संरचना से जुड़ा काम आगे बढ़ता है. गहलोत ने कहा कि सरकार के लोग हवाई बाते करते दिखतें हैं. यमुना नदी का पानी लेकर आ गए. ईआरसीपी को नया नाम दे दिया. गहलोत ने कहा कि इनसे कुछ भी नहीं होने वाला है. गहलोत ने कहा कि अगर मैं मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाऊं, तो उनकी ड्यूटी है कि हम लोगों के अनुभव का लाभ लें. अब वो कितना लाभ लेते हैं....यह तो उन पर है. गहलोत बोले कि मेरी भावना किसी को नीचा दिखाने की नहीं है. 



गहलोत ने सवाल उठाते हुए कहा कि सर्कस मैं नहीं, बल्कि इनकी ही पार्टी के लोग बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनका काम भी तो सर्कस की तरह ही चल रहा है. उन्होंने कहा कि कोई मंत्री इस्तीफा दे रहा है, उसके बाद भी कैबिनेट में जा रहा है. विधायक धमकी दे रहे हैं. गहलोत बोले कि बड़ी बात यह भी है कि आखिर प्रदेश के लोग सरकार को लेकर क्या कहते हैं? पूर्व सीएम ने कहा कि आज सब तरह से एक प्रकार का क्राइसिस है. फाइनेंशियल क्राइसिस भी है. उसे फीडबैक के रूप में क्यों नहीं लेते? हम विपक्ष की या मीडिया में हमारी आलोचना को फीडबैक के रूप में लेते थे और कोशिश करते थे कि जो फीडबैक मिला है, उसके आधार पर कार्रवाई भी करें. गहलोत बोले कि हमने विपक्ष की आलोचना को कभी इस रूप में नहीं लिया कि कोई विपक्ष का नेता बोलता है तो चार-चार मंत्री और मुख्यमंत्री सब बयान दे रहे हैं. गहलोत बोले कि एक बयान ही काफी होता है. 



गहलोत ने कहा कि सरकार को अभी संभल जाना चाहिए. हम चाहते हैं कि सरकार अच्छी चले और इसमें हमारा कमिटमेंट भी होना चाहिए. पूर्व सीएम बोले कि गरीब का भला कैसे हो? राजस्थान का विकास कैसे हो? इसमें हमारी रुचि रहेगी. गहलोत बोले कि इस संबंध में हम बोलते हैं तो उन्हें उसी रूप में लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी तरफ से कोई झूठा आरोप लगाया है, तो सरकार जवाब दे. 



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