Jaipur: राजस्थान रोडवेज को अगले तीन महीने में राज्य सरकार 1000 नई बसें सर्विस मॉडल पर मुहैया कराएगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस बजट घोषणा की अनुपालना में रोडवेज प्रशासन ने राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा था. परिवहन विभाग के मार्फत हुए पत्राचार में वित्त विभाग ने कहा है कि ये बसें किस प्रक्रिया के तहत ली जाएं, इसका प्रारूप रोडवेज प्रशासन को बनाना होगा. हालांकि यह स्पष्ट है कि ये एक हजार बसें खरीद के जरिए नहीं मिलेंगी. ये बसें अनुबंध पर ही ली जाएंगी, लेकिन अनुबंध का मॉडल क्या होगा, यह तय होना बाकी है. 


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इसके लिए रोडवेज प्रशासन को प्रारूप तय करने को कहा गया है. सूत्रों के अनुसार रोडवेज प्रशासन ने 3 तरह के मॉडल तैयार कर वित्त विभाग को भिजवाए हैं. इसके बाद वित्त विभाग की सहमति से एक प्रारूप तय कर बसें ली जाएंगी. माना जा रहा है कि ये बसें अगले 3 माह में रोडवेज प्रशासन को मिल सकती हैं. वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा के साथ रोडवेज के चेयरमैन आनंद कुमार और प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल की चर्चा हो चुकी है.



क्या हो सकता है बसें लेने का प्रारूप


  • जिन कंपनियों से बसें अनुबंध पर ली जाएं वे संचालन के 6 साल बाद रोडवेज को मिलें

  • या फिर प्रति किलोमीटर के लिए अनुबंध पर बसें देने वालों को भुगतान किया जाए

  • तीसरी स्थिति में 8 साल संचालन के बाद बसें निजी अनुबंधकर्ताओं को वापस हो जाएंगी

  • प्रारूप तय करने का कार्य वित्त और रोडवेज के अफसरों की सहमति से होग


Reporter-Kashiram Choudhary


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