Jaipur News:PHED में मेजरमेंट बुक को लेकर भजनलाल सरकार सख्त हो गई है.मेंजरमेंट बुक को लेकर राज्य सरकार ने इंजीनियर्स के लिए परिपत्र जारी किया है.यदि दफ्तर में मेजरमेंट बुक नहीं मिली तो संबंधित इंजीनियर पर कडी कार्रवाई होगी.आखिरकार अब तक मेंजरमेंट बुक का क्या मैनजमेंट चल रहा पीएचईडी में.


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माप पुस्तिका नहीं मिली तो गिरेगी गाज
इंजीनियर्स की मेजरमेंट बुक या मैनेजमेंट बुक..? क्या सांठगाठ से चल रहा था PHED मैनेजमेंट..? अब एक परिपत्र में उडाई इंजीनियर्स की नींद...! जलदाय विभाग में इन दिनों मेंजरमेंट बुक को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है.जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल के परिपत्र जारी करने के बाद पीएचईडी में हलचल तेज हो गई है.


परिपत्र में लिखा गया है कि यह शिकायते मिलती है कि अभियंताओं द्धारा नियमित रूप से साइट पर कार्य का इंद्राज माप पुस्तिका में नहीं किया जा रहा.ये माप पुस्तिका अन्य व्यक्तियों द्धारा भरी जाती है.इतना ही नहीं माप पुस्तिका ठेकेदारों के पास मिलती है.सभी फील्ड इंजीनियर्स को ये निर्देश दिए है कि नियमित रूप से माप पुस्तिका में एंट्री करे.यदि ऐसा नहीं हुआ तो जिम्मेदार इंजीनियर्स के खिलाफ कडी कार्रवाई होगी.



एंट्री की नहीं,दे दिया प्रमाण पत्र
मेंजरमेंट बुक के मेनेजमेंट का हाल ही में ताजा उदाहरण सामने आया,जिसमें नार्थ थर्ड के तत्कालीन एक्सईएन गिरीश जैन ने बड़ा फर्जीवाडा किया था.जैन ने मेजरमेंट बुक में एंट्री किए बिना ही दो फर्जी प्रमाण पत्र दे दिया.




जोधपुर से जांच टीम जयपुर आई तो गिरीश जैन के फर्जीवाडे की पोल खुली.अब गिरीज जैन पर जल्द कार्रवाई हो सकती है.फिलहाल गिरीश जैन ने साउथ-4 की अहम जिम्मेदारी दे रखी है. इतना नहीं जल जीवन मिशन में घोटाले के मास्टरमाइंड पदमचंद जैन के तो होटल से ही 172 मैजरमेंट बुक मिली थी.यानि सरकारी दस्तावेज ठेकदारों घर और दफ्तरों से मिल रहे है.


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