Jaipur: प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है.राज्य सरकार द्वारा 90 करोड रू से अधिक की लागत से पिंकसिटी जयपुर स्थित पुरानी विधानसभा को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय के रूप में बनाया जा रहा है.इस अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय में आमेर कच्छावा वंश,विभिन्न कलाकृतियों, कला संस्कृतियों समेत अन्य पुरावस्तुओं से पर्यटक रूबरू होने का मौका मिलेगा.अंतर्राष्ट्रीय संग्रालय का डिजाइन और निर्माण कार्य आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तैयार किया जा रहा है.इस अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय का उदघाटन जल्द ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किया जाएगा.


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अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बनेगा


राजधानी जयपुर किले- महलों के अलावा नए पर्यटन से रूबरू कराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय आकर्षण का केंद्र बनाने जा रही है.इस संग्रहालय में प्रदेश के विभिन्न पुरावस्तुओं का संग्रहण कर प्रदर्शित किया जाएगा.यह अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए आमेर रोड स्थित पुरानी विधानसभा को तैयार किया जा रहा है.इसके लिए राज्य सरकार ने पर्यटकों को पुरावस्तुओं और किले- महलों से रूबरू कराने के लिए एक पर्यटन कोरिडोर बना रही है.अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय के पास हवामहल,जंतर- मंतर और ईश्वरलाट,जलमहल,नाहरगढ फोर्ट और आमेर फोर्ट,जगत शिरोमणी मंदिर,पन्ना मीणा कुण्ड, छतरियां और बावडियां जहा पर्यटकों का भ्रमण रहता है.इसके अलवा आने वाले दिनों में जयपुर में पर्यटक अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय से भी रूबरू होंगे.अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.


कभी नहीं देखा होगा इन पुरावस्तुओं से होंगे रूबरू



राजस्थान की पुरानी विधानसभा की दो मंजिला में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय के रूप में तैयार किया जा रहा है.इस संग्रहालय की दो मंजिला में 20 गैलरिया बनाई जा रही है.इन गैलरियों में वर्षो पुराने इतिहास और विभिन्न पुरावस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा.अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय में जयपुर से संबंधित करीब 8 गैलरिया पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगी.जिसमें आमेर के कच्छावा वंश,जयपुर की 9 चौकडिया का शहर, लोक संगीत,जयपुर का नृत्य,जयपुर का सृजन, 19 वीं जयपुर की शाही सवारी, 36 कारखानों की गैलरी समेत अन्य गैलरियां पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहेगी.


इसके अतिरिक्त कोलकाता म्युजियम से सैकेंड लारजेस्ट पेंटिंग की रेप्लिका भी लगाए जाने की योजना है.इसके अलावा एक राजस्थान गैलरी बनाई जाएगी जिसमें दुर्ग और नगर गैलेरी,भौगोलिक परिवेश, राजस्थान के हस्तशिल्प, त्यौहार और रीति रिवाज, 9 सांस्कृतिक क्षेत्र, पारम्परिक जल प्रबंधन और बाग- बगीचे की गैलरिया प्रमुख होगी.पाषाणकाल (लिथिक पीरियड के ऑब्जेक्ट्स), कालीबंगा, प्री हिस्टोरिक,स्कलप्चर, पेटिंग, सिक्कों के साथ ही सालों पुराने हथियारों की गैलरी बनाई जाएगी.


प्रदेश के इन क्षेत्रों की पुरावस्तुएं शामिल


राजस्थान की पुरानी विधानसभा में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रदर्शित की जाने वाली पुरा सामग्रियों को पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले स्मारकों और संग्रहालयों से लाया जा रहा है.इसके तहत राजकीय संग्रहालय अल्बर्ट हॉल, हवामहल स्मारक, जंतर-मंतर स्मारक, राजकीय संग्रहालय अलवर, भरतपुर, जोधपुर, पाली, बीकानेर, उदयपुर, राजकीय संग्रहालय आहडू, चित्तौड़गढ़, कोटा, जयपुर स्थित उत्खनन शाखा और मुद्रा शाखा से विभिन्न गैलरियों के लिए पुरा सामग्रिया लाई जा रही है.


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