Jaipur News: किसान सम्मान निधि को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर निशाना साधा. डोटासरा ने X पर पोस्ट कर लिखा कि भाजपा ने सत्ता में आते ही अडाणी जैसे मित्रों के घर भरने के लिए ऊर्जा विभाग से 65 हज़ार करोड़ रुपए के टेंडर का रास्ता बना दिया लेकिन किसानों को प्रतिवर्ष 12 हज़ार रुपए सम्मान निधि देने का जो वादा किया था उससे पलट गई. 


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अब सरकार 8 हज़ार रुपए देने की बात कर रही हैं लेकिन उसका भी पूरा पैसा रिलीज़ नहीं किया. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में गेहूं के समर्थन मूल्य पर 300 रुपए बोनस देने का वादा किया था वो भी फिलहाल अधूरा है. भाजपा ने सत्ता में आने से पहले किसानों के कर्ज को लेकर खूब हल्ला मचाया लेकिन सत्ता में आने के बाद किसान का 1 पैसा माफ़ नहीं किया. 



उल्टा भाजपा सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा जी ने कहा कि "कर्ज नहीं चुकाना किसान की आदत हो गई है". इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में किसानों की ज़मीन कुर्की का आदेश दे दिया, जिसे कांग्रेस के दबाव में इन्हें वापस लेना पड़ा. प्रधानमंत्री मोदी के वादे के बाद भी भाजपा सरकार ना तो किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देना चाहती है और ना ही किसानों का कर्ज माफ करना चाहती है.


5 एकड़ तक कृषि भूमि नीलामी रोकने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार 2020 में विधेयक लेकर आई थी, लेकिन विधानसभा से पारित विधेयक आज भी केंद्र सरकार में अनुमोदन हेतु लंबित है. इससे स्पष्ट है कि किसानों की ज़मीन नीलामी रोकने को लेकर भाजपा की कोई मंशा नहीं है.



हमारी कांग्रेस सरकार ने करीब 21 लाख किसानों का 14 हज़ार करोड़ का कर्ज माफ किया और किसानों को घरेलू के अलावा 2 हज़ार कृषि यूनिट बिजली मुफ्त दी. कांग्रेस ने जो कहा वो करके दिखाया लेकिन भाजपा का काम सिर्फ झूठ बोलकर जनता को भ्रमित करना एवं धार्मिक कट्टरता फैलाकर सत्ता हासिल करना है. सच तो ये कि भाजपा सत्ता में आने के बाद किसानों के सम्मान का ढकोसला करती है और केवल पूंजीपतियों के लिए काम करती है.


मुख्यमंत्री भजनलाल जी आप किस मुंह से किसान सम्मान की बात कर रहे हो? तीन काले कृषि कानून, 700 किसानों की शहादत, मोदी सरकार में मंत्री रहे अजय मिश्रा के पुत्र द्वारा किसानों को गाड़ी से कुचलना, किसानों को आतंकी खालिस्तानी कहना और उन पर गोलियां चलाने जैसे जुल्म अभी अन्नदाता भूला नहीं है.