Jaipur News: विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में गड़बड़ी के आरोप! योजना के नियम बदलने की शिकायत
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Jaipur News: विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में गड़बड़ी के आरोप! योजना के नियम बदलने की शिकायत

प्रतिभाशाली गरीब बच्चों को विदेश में पढ़ाने की विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में हेरफेर का मामला सामने आया है. दरअसल प्रतिभाशाली छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए चलाई जा रही विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में अफसरों ने अपने बच्चों को एडजस्ट करने के लिए नियम ही बदल दिए हैं ताकि अफसरों के बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिल सके.

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Jaipur News: राजस्थान में प्रतिभाशाली गरीब बच्चों को विदेश में पढ़ाने की विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में हेरफेर का मामला सामने आया है. दरअसल प्रतिभाशाली छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए चलाई जा रही विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में अफसरों ने अपने बच्चों को एडजस्ट करने के लिए नियम ही बदल दिए हैं ताकि अफसरों के बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिल सके.

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि गरीब बच्चों का हक मारने के लिए रैंकिंग में भी बदलाव किया गया है. अफसरों ने इस घोटाले को कुछ इस तरह अंजाम दिया कि सात महीने पुरानी सरकार के मंत्री भी कुछ समझ नहीं सके. छात्र अपनी प्रतिभा के दम पर स्कॉलरशिप का लाभ उठाते उससे पहले ही योजना में अफसरों ने अपनी ‘प्रतिभा’ दिखा दी और बड़े साहब के बच्चों को स्कीम में एडजस्ट करने के लिए योजना की रैंकिंग में हेराफेरी कर दी.

क्यूएस की जगह टाइम्स हायर एजुकेशन
आरोप यह है कि योजना में अफसरों के बच्चों को एडजस्ट करने के लिए न सिर्फ क्यूएस की जगह टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) की रैंकिंग को लागू करने के आदेश जारी किए गए बल्कि इस THE रैंकिंग में भी शातिराना तरीके से फेरबदल कर दिया गया. बहुत से छात्रों ने QS रैंकिंग के हिसाब से विदेश में पढ़ाई के लिए वहां की यूनिवर्सिटी में जनवरी में ही आवेदन कर दिए थे. आवेदन के लिए 50 से 100 डॉलर की आवेदन फीस भी जमा करवाई लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने मई 2024 में अचानक QS की जगह THE रैंकिंग लागू कर दी. ऐसे में छात्रों ने QS रैंकिंग के हिसाब से जिन यूनिवर्सिटी में आवेदन किया था, उनमें से कई तो THE रैंकिंग की टॉप 150 में शामिल ही नहीं हैं.

25 विश्वविद्यालयों की सूची में कई गलतियां
योजना की नई गाइडलाइन के अनुसार इस छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने के लिए THE रैंकिंग के मुताबिक दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त करना होगा. इसके अतिरिक्त विदेश में स्नातक स्तर पर इंजीनियरिंग या चिकित्सा की पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय को THE की विषयवार रैंकिंग में शीर्ष 25 विश्वविद्यालय में शामिल होना होगा लेकिन उच्च शिक्षा विभाग की ओर से इंजीनियरिंग विषय के लिए प्रकाशित 25 विश्वविद्यालयों की सूची में कई गलतियां हैं. वहीं, इस पूरे मामले पर मंत्री से लेकर कोई भी अफसर कैमरे पर कुछ भी कहने से बच रहा है. बरहाल, देखना यह होगा कि क्या मामले को लेकर मंत्री या फिर विभाग कोई संज्ञान लेता है या गरीब बच्चों का हक फिर से मारा जाएगा.

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