Bharat Jodo Yatra: पूर्व महाधिवक्ता ने की भारत जोड़ो यात्रा को समर्थन देने की अपील, जानें वजह
राजस्थान के पूर्व महाधिवक्ता गिरधारी सिंह बापना सहित राजस्थान के 50 से अधिक प्रमुख नागरिकों ने यात्रा को समर्थन देने की अपील की है. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन करते हुए प्रदेश की जनता से इस यात्रा को समर्थन देने और इससे अधिकाधिक जुड़ने की गुजारिश की है.
Jaipur News: राजस्थान के पूर्व महाधिवक्ता गिरधारी सिंह बापना सहित राजस्थान के 50 से अधिक प्रमुख नागरिकों ने यात्रा को समर्थन देने की अपील की है.
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन करते हुए प्रदेश की जनता से इस यात्रा को समर्थन देने और इससे अधिकाधिक जुड़ने की गुजारिश की है.
इस यात्रा में पूर्व न्यायाधीश जेके रांका, राज्य के पूर्व महाधिवक्ता गिरधारी सिंह बापना और सागर मल मेहता, पूर्व कुलपति रूप सिंह बारहठ, सनी सेबेस्टियन एवं बृज मोहन शर्मा, पूर्व सूचना आयुक्त नारायण बारहठ, शिक्षाविद् अरुण चतुर्वेदी, प्रो. संजय लोढ़ा, प्रो . सतीश राय, प्रो. रश्मि चतुर्वेदी, डॉ. दिनेश त्रिपाठी एवं डॉ. जोएब नकवी सहित कुसुम जैन, धर्मवीर कटेवा, हनुमान नायला, एल डी शर्मा, सरदार ठाकुर सिंह, हिम्मत सिंह, के एन सिंह, डॉ. मुजाहिद सलीम माधव मित्र आदि एडवोकेट्स, पत्रकारों, साहित्यकारों, चिकित्सकों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, संगीतज्ञ, फैशन डिजाईनर्स और पर्यावरणविदों ने आज एक संयुक्त अपील में कहा कि, आज जिस तरह धर्म, भाषा और जाति के नाम पर देश की एकता अखंडता को नष्ट किया जा रहा है और महंगाई तथा बेरोजगारी ने जनता का जीना मुश्किल कर दिया है. उसके खिलाफ़ गांधी की इस साहसिक पदयात्रा को सभी का समर्थन जरूरी है.
संयुक्त अपील में कहा गया है कि राहुल गांधी द्वारा निकाली जा रही कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3500 किमी दूरी की "भारत जोड़ो पदयात्रा पदयात्रा का मकसद, देशवासियों में प्रेम-प्यार और एकजुटता की भावना मज़बूत करना तथा बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी की ओर केन्द्र सरकार का ध्यान दिलाना है. उन्होंने कहा है कि,हमारे देश का गौरवशाली इतिहास इस बात का गवाह है कि, हम और हमारे पूर्वज चाहे वे किसी भी धर्म और जाति के हों आपस में हिल-मिल कर रहते रहे हैं और गांधी भी इस यात्रा में शामिल अपने अन्य सहयोगियों के साथ सभी धर्मों के धर्मस्थलों के प्रति अपना आदर व्यक्त कर इसी परम्परा को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
अपील में कही यह बातें
अपील में कहा गया है कि आज जब देश की न्यायपालिका सहित सभी संवैधानिक संस्थाओं पर जबर्दस्त हमले हो रहे हैं, लोकतांत्रिक परम्पराओं को तहस-नहस किया जा रहा है. नागरिक स्वतंत्रता खतरे में है, तब हम सब के लिए यह बहुत जरूरी है कि, हम ऐसे हमले करने वाली ताकतों के खिलाफ अपनी आवाज़ को बुलन्द और एकजुटता को प्रदर्शित करें. अपील में राजस्थान के जागरूक और अमनपसंद नागरिकों, समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों, समाज के विभिन्न संगठन-समूहों, और प्रदेश के सभी नागरिकों से भी अपील है कि, इस भारत जोड़ो यात्रा में, जहां जुड़ सकते हों, अधिक से अधिक जुड़कर इसे कामयाब बनाएं, जिससे देश की एकता अखंडता को कमज़ोर करने वाली ताकतों को जवाब दिया जा सके और देश-प्रदेश को तरक्की की राह पर आगे बढ़ाया जा सके.
अपील में कहा गया है कि विकास वहीं होता है, जहां शांति होती है और शांति वहा होती हैं, जहां सभी धर्म और जातियों के लोग प्रेम और भाईचारे से रहते हैं. राजस्थान इसका उदाहरण है, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार सद्भाव को बिगाड़ने की सभी कोशिशों को नाकाम कर राज्य को विकास की राह पर आगे ले जा रही है. अपील पर हस्ताक्षर करने वालों में महेश काला, विजय जैन, एम. यासीन गोविन्द चतुर्वेदी, सतीश शर्मा, अनिल माथुर, जेके सिंघी, प्रेमचंद, प्रो.पीएस वर्मा, प्रो.निमाली सिंह, प्रो. विनोद शर्मा, डॉ. ध्यान सिंह, बीएल सैनी और प्रो. रमेश पारीक शामिल हैं.