जयपुर न्यूज: राजस्थान हाईकोर्ट ने पृथ्वीराज नगर योजना में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन जारी नहीं करने के मामले में जेवीवीएनएल के विजिलेंस अधिकारी से बिजली चोरी और उसके दुरुपयोग को लेकर बुधवार को जानकारी पेश करने को कहा है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश अनंत कासलीवाल व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.


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सुनवाई के दौरान जेवीवीएनएल के एमडी वीसी के जरिए और एसई सहित विजिलेंस अधिकारी अदालत में पेश हुए. सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि विद्युत अधिनियम की धारा 43 के तहत कब्जाधारी की क्या परिभाषा है और क्या उसे कनेक्शन जारी किया जा सकता है. अदालत ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि क्या उनके घर के बाहर रहने वाले गार्ड को कब्जाधारी होने के आधार पर बिजली कनेक्शन दिया जा सकता है और यदि उस समय मैं विरोध करूं तो क्या मेरे खिलाफ राजकार्य में बाधा का मामला बनेगा? 


रखा अपना-अपना पक्ष


इस दौरान जेडीए, न्यायमित्र और याचिकाकर्ता के वकीलों ने कब्जाधारी को लेकर अपना-अपना पक्ष रखा. वहीं विजिलेंस अधिकारी की ओर से अदालत को बताया गया कि अब तक बिना जेडीए पट्टे वाले आठ मामलों में कनेक्शन जारी किए गए हैं. वहीं इन्हें जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी की जा रही है. विजिलेंस अधिकारी की ओर से यह भी बताया गया कि बिना मीटर बिजली का उपयोग करने के मामले को विद्युत चोरी की श्रेणी और यदि एक मीटर से एक से अधिक घरों में आपूर्ति हो रही है तो उसे विद्युत दुरुपयोग की श्रेणी में रखा जाता है.


पीआरएन में बिजली चोरी और उसके दुरुपयोग को लेकर जानकारी करें पेश


ऐसे में बिजली को दूसरे घरों में सबलेट करने वाले उपभोक्ता पर कार्रवाई की जाती है. इस पर अदालत ने कहा कि बिना मीटर दूसरे घर से बिजली लेने पर उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती? इसका जवाब देते हुए विजिलेंस अधिकारी ने कहा कि संबंधित व्यक्ति के क्षेत्राधिकार में नहीं आने के चलते उस पर कार्रवाई नहीं होती. इस पर अदालत ने विजिलेंस अधिकारी से पीआरएन में बिजली चोरी और उसके दुरुपयोग को लेकर जानकारी पेश करने को कहा है.


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