Jaipur: राजस्थान में निशुल्क अन्नपूर्णा योजना शुरू होने से पर विवादों में घिर गई है.सहकारिता विभाग ने बजट घोषणा के तीन महीने बाद अब तक टेंडर प्रक्रिया ही पूरी नहीं की.यानि अब तक इस योजना में 1 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अफसरों की कार्यशैली से मंत्री भी सकते में-


राजस्थान में अन्नपूर्णा योजना की शुरूआत के पहले ही ये घोषणा विवादों में फंस गई है.सहकारिता विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा और रजिस्ट्रार मेघराज रत्नू ने टेंडर की फाइल नियमों को दरकिनार करते हुए सीधे ही वित्त विभाग भेज दी.नियमों के तहत पहले मंत्री के पास फाइल आना जरूरी है.


25 अप्रैल को पहली बार मंत्री के पास फाइल पहुंची थी,लेकिन इसमें भी अधिकारियों ने सीधे ही टेंडर पब्लिकेशन की अवधि 10 दिन बढाने की अनुमति मांगी. मंत्री ने इस फाइल पर आपत्ति जताते हुए वापस विभाग को भेज दी.क्योकि मंत्री को सिर्फ टैंडर की पब्लिकेशन के लिए छूट मांगी थी.लेकिन मंत्री ने ये फाइल देखी तो वे भी सकते में रह गए,क्योकि उन्हें तो पब्लिकेशन छूट से पहले टैंडर प्रक्रिया से संबंधित फाइल ही नहीं भेजी.इसके बाद मंत्री ने ये फाइल वापस विभाग को लौटा दी और टैंडर की रिपोर्ट मांगी.


ऑफ कैमरा बोले-जल्द मंत्री को भेजेंगे फाइल- 


लेकिन टेंडर की ये फाइल प्रमुख सचिव श्रेया गुहा और रजिस्ट्रार एसएस रत्नू ने  मंत्री तक भेजी ही नहीं.मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि मेरे पास एक बार फाइल आई,उसके बाद किसी तरह की सूचना अधिकारियों ने नहीं भेजी.जबकि सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रत्नू ने ऑफ कैमरा कहा कि हमने कार्ययोजना को लेकर वित्त विभाग में फाइल भेजी थी.जल्द ही मंत्री को टैंडर के फाइल भेजी जाएगी.लेकिन सवाल ये उठ रहे है कि रजिस्ट्रार और प्रमुख सचिव कैसी कार्ययोजना बना रहे है,क्योकि योजना तो पहले ही बन चुकी.सिर्फ टेंडर की प्रक्रिया ही तो पूरी करनी थी.हमने प्रमुख सचिव श्रेया गुहा से भी इस संबंध में बातचीत करने की कोशिश की,लेकिन उन्होंने सीएम की बजट घोषणा को लेकर जवाब देना उचित नहीं समझा.


श्रेया गुहा के आदेश पर सवाल-


इसके अलावा विभाग में वित्तीय सलाहकार के मनोनीत को लेकर भी बडे सवाल खडे हो रहे है.राजफैड एफए उषस्पति त्रिपाठी को रजिस्ट्रार के सहयोग के लिए कॉनफैड में लगाया गया है.सहकारिता प्रमुख सचिव श्रेया गुहा इस आदेश पर सवाल उठ रहे है कि एफए की नियुक्ति तो फाइनेंस विभाग ही करता है.ऐसे में क्या सहकारिता विभाग खुद  एफए को मनोनीत कर सकता है.गुहा ने अपने आदेश में लिखा है कि CONFLICT OF INTEREST में त्रिपाठी सलाह देंगे.वहीं कॉनफैड एमडी दिनेश कुमार शर्मा एक महीने से मेडिकल लीव पर थे,जिन्हें जाइन करते ही एपीओ किया.मंत्री ने कहा कि  मेडिकल कारणों के चलते उन्होंने एपीओ के लिए लिखित में दिया था.


86.99 लाख ने करवाया रजिस्ट्रेशन,लेकिन टेंडर नहीं-


राजस्थान में कल से ही बजट घोषणाओं को लेकर राहत पहुंच रही है.जिसके लिए महंगाई राहत कैंप में अन्नपूर्णा योजना के 86.99लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है,लेकिन बिना टैंडर,बिना योजना के ये योजना कैसे राहत पहुंचाएगी.क्योकि तीन महीने में अब तक 1 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ.


यह भी पढ़ेंः Kota News: कमरे में फन फैलाए बैठा था 4 फीट लंबा ब्लैक कोबरा, देख भागे घरवाले


यह भी पढ़ेंः Rajasthan Weather Update: राजस्थान में तेज आंधी-तूफान, बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी