Jaipur News: जिले की स्थाई लोक अदालत ने कार सही नहीं होने को टोटल लॉस बताकर प्रार्थिया के पक्ष में फैसला देते हुए बीमा कंपनी को कार की बीमित राशि 6,39,989 रुपए 9 प्रतिशत ब्याज सहित प्रार्थिया को देने का आदेश दिया है. लोक अदालत के अध्यक्ष अनूप कुमार सक्सैना, सदस्य दीपक चाचान व सुनीता रांका ने यह आदेश झोटवाड़ा निवासी एक्विलिन के प्रार्थना पत्र पर दिए. 


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अदालत ने कहा कि बीमा कंपनी की लापरवाही से प्रार्थिया की कार चलने योग्य नहीं हो सकी. एक साल से वह कंपनी के वर्कशॉप में ही खड़ी हुई है. कार कंपनी के मैकेनिक ने गियर बॉक्स बदलने के लिए कहा था, लेकिन बीमा कंपनी के विशेषज्ञ ने उसे ऐसा नहीं करने दिया और उसे रिपेयर करने के लिए कहा. उन्होंने उसे रिपेयर कर दिया, लेकिन कार चलने योग्य नहीं रही.


प्रार्थना पत्र में कहा गया कि 29 जनवरी 2023 को उसकी कार का डिवाइडर से टकराकर एक्सीडेंट हो गया. उसने कंपनी के वर्कशॉप पर दिखाया तो मैकेनिक ने पूरा गियर बॉक्स बदलने के लिए कहा. उसने बीमा कंपनी को भी इसकी सूचना दे दी थी. बीमा कंपनी ने मैकेनिक की सलाह नहीं मानी व गियर बॉक्स को ही रिपेयर करवा दिया. 


इसके बावजूद भी कार नहीं चली और वर्कशॉप में ही एक साल तक खड़ी रही. इसे प्रार्थिया ने स्थाई लोक अदालत में चुनौती देते हुए कहा कि कार चलने योग्य नहीं है और यह टोटल लॉस है, इसलिए कार की बीमित राशि ब्याज सहित दिलवाई जाए. इसके जवाब में बीमा कंपनी ने कहा कि कार को चालू करने की जिम्मेदारी मैकेनिक की थी और उन्होंने पार्टस लगाए हैं. इसमें उनका कोई दोष नहीं है. ऐसे में प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने परिवादी को बीमा राशि देने को कहा है.