साल 2024 में 90 लाख के अधिक श्रद्धालुओं ने किए माता वैष्णो देवी के दर्शन, एक दशक में दूसरी सबसे बड़ी संख्या
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साल 2024 में 90 लाख के अधिक श्रद्धालुओं ने किए माता वैष्णो देवी के दर्शन, एक दशक में दूसरी सबसे बड़ी संख्या

Mata Vaishno Devi: साल 2024 में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है.

साल 2024 में 90 लाख के अधिक श्रद्धालुओं ने किए माता वैष्णो देवी के दर्शन, एक दशक में दूसरी सबसे बड़ी संख्या

Mata Vaishno Devi: बीते वर्ष यानी साल 2024 में माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. श्राइन बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, लगातार तीसरे वर्ष 90 लाख से अधिक भक्तों ने माता के दर्शन किए हैं. श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने ट्वीट कर जानकारी दी कि 2022 से यह संख्या हर साल 94.83 लाख के आंकड़े को पार कर लिया. माता वैष्णो देवी भारत के सबसे पवित्र और प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. बढ़ती संख्या इस तीर्थस्थल की लोकप्रियता और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है.

2025 तक पूरी होंगी ये परियोजनाएं

श्राइन बोर्ड भक्तों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. सुविधाओं में सुधार के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया गया है ताकि तीर्थयात्रा को अधिक सुरक्षित, आरामदायक और आध्यात्मिक रूप से संतोषजनक बनाया जा सके. अंशुल गर्ग ने 2025 तक पूरी होने वाली कई परियोजनाओं की भी घोषणा की है. इनमें नए वैष्णवी भवन का निर्माण, अतिरिक्त आवास सुविधाएं, भीड़ प्रबंधन के लिए नए निकास मार्ग और अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं.

माता वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास बेहद समृद्ध और प्राचीन है. यह जम्मू-कश्मीर की त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित है और हिंदू पौराणिक कथाओं में इसे देवी दुर्गा के अवतार माता वैष्णो देवी को समर्पित माना जाता है. कहा जाता है कि माता ने त्रिकुटा पहाड़ियों में तपस्या की थी.

साल 1986 में हुई थी श्राइन बोर्ड की स्थापना

महाभारत काल से जुड़े ऐतिहासिक संदर्भों में कहा जाता है कि अर्जुन ने युद्ध में विजय के लिए माता वैष्णो देवी से प्रार्थना की थी. सदियों तक यह मंदिर एक छिपी गुफा के रूप में रहा, लेकिन समय के साथ यह भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक बन गया. साल 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की स्थापना के बाद मंदिर के विकास में तेजी आई. तब से लेकर अब तक तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे उनकी यात्रा सुगम और आध्यात्मिक रूप से पूर्ण हो सके.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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