Jaipur News: राम का अर्थ है प्रकाश....किरण और आभा (कांति) जैसे शब्दों के मूल में राम है. रा का अर्थ है आभा और म का अर्थ है मैं. ‘मेरा और मैं स्वयं’....राम नाम का शाब्दिक अर्थ है. मेरे भीतर प्रकाश, मेरे हृदय में प्रकाश.. यह मानना है तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का, जो कि इन दिनों राम कथा के सिलसिले में जयपुर प्रवास पर हैं.


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उन्होंने कर्म, धर्म और राजनीति के साथ ही आनंद मय जीवन और समसामयिक मुद्दों पर उन्होंने बातचीत की. उन्होंने कहा कि जब रामलला को ला सकते हैं तो मथुरा-काशी के ज्ञानवापी को भी लाकर दिखाएंगे. मैंने गोविंद देवजी के दर्शन का मन बनाया था, पर फिर मेरा मन बदल गया.


गोविंद देवजी से हमने कह दिया है, आप कितनी भी मनुहार करो, पर जब तक श्री कृष्ण जन्मभूमि हमें नहीं मिल जाती, तब तक हम किसी भी कृष्ण मंदिर में दर्शन नहीं करेंगे. उन्होंने जयपुर की गलता पीठ को लेकर कहा हमारी गलता गद्दी, हमें मिलकर रहेगी. मैं अधिकार लेना जानता हूं.


इंतजार कीजिए, गलता गद्दी पर भी रामानंदियों का ही विजय स्तंभ होगा. रामभद्राचार्य ने कहा श्रीराम जन्मभूमि हम ले आए. मेरी वही प्रतिभा है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि को भी हम लाकर रहेंगे. मेरी प्रतिभा ने श्री राम जन्मभूमि की साक्षी बनकर 550 साल का कलंक समाप्त करके रामजी को विराजित करवा दी. अब कृष्ण जन्म भूमि में भी मेरा साक्ष्य हो रहा है, वो भी मिलेगा. काशी विश्वनाथ भी हमें प्राप्त होगा.


रामभद्राचार्य ने कहा कि थोड़े दिन में ही पाक अधिकृत कश्मीर भी हमारा होगा और अब वह दिन भी दूर नहीं जब विश्व के नक्शे से पाकिस्तान का नामो निशान मिट जाएगा. ज्योतिष मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के कश्मीर में धारा 370 बहाल करने को लेकर दिए बयान पर रामभद्राचार्य ने कहा कि अभी एक व्यक्ति का बयान सुनकर बहुत दुखी हुआ. वो खुद को शंकराचार्य कहते हैं, वो शंकराचार्य भी नहीं है. उनके बयानों पर ध्यान न दें.