Jaipur News: जेल प्रहरियों के मैस बहिष्कार का तीसरा दिन पूरा हो गया. इधर सर्दी और भूख से बेहाल हो रहे जेल प्रहरियों के बीमार होने का सिलसिला जारी है. अब तक 30 जेलों से 146 प्रहरियों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है. इस बीच अलवर में प्रहरियों के बीच पहुंचे जेल मंत्री टीकाराम जूली ने उनकी मांगे मानने का आश्वासन दिया.


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प्रदेश की जेलों में कार्यरत प्रहरी वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. 13 जनवरी से प्रहरियों ने मैस बहिष्कार कर अन्न त्याग रखा है. ऐसे में प्रहरियों की भूख हड़ताल को तीसरा दिन हो गया है. इधर 3 दिन से प्रहरी भूखे रहकर ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं. मौसम में सर्द हवाएं चल रही है और ठंड तेज हो गई है. भूख से व्याकुल और ठंड से पीड़ित होकर प्रहरी लगातार बीमार हो रहे हैं. बीमार प्रहरियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. अब तक 32 जेलों से 146 प्रहरी इलाज के लिए स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया जा चुका है.


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इधर रविवार रात जेल राज्य मंत्री टीकाराम जूली रविवार को अलवर में आंदोलन रत जेल प्रहरियों के बीच पहुंचे. जूली ने कहा कि समझौता इस सरकार के वक्त हुआ था और उन्होंने क्यों नहीं पालन किया. अब आपकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप राका से चर्चा हुई है और जल्दी ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस बारे में अवगत कराया जाएगा. मैंने तो पहले ही कहा था कि आपकी मांगे बिना अनशन के ही पूरी कर देंगे कुछ समय लग रहा है.


कहां कितने प्रहरी अस्पताल पहुंचे
जानकारी के अनुसार, उदयपुर में 16, कोटा में 14, जयपुर में 11, श्रीगंगानगर से 5, बीकानेर से 8, अलवर से 9, छबड़ा से 7 प्रहरियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं नोखा, नोहर, अनूपगढ़, सूरतगढ़, अलवर, टोंक, हाई सिक्योरिटी, फतेहपुर, झालावाड़, भरतपुर, जोधपुर, हनुमानगढ़., चूरू, भीनमाल, कुशलगढ, बूंदी, बारां, मेड़ता सिटी, नागौर, जैसलमेर, जहाजपुर, अटरू, गुलाबपुरा, भादरा और दौसा जेल से बीमार प्रहरियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


वर्ष 2017 में हुए समझौते लागू करने की मांग
जेल महानिदेशक भूपेंद्र दक ने प्रहरियों से वार्ता की, लेकिन ढाई घंटे की बातचीत में भी नतीजा नहीं निकल पाया. दक ने प्रहरियों को धमकाने, समझाने, दूसरी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया. लेकिन प्रहरी वर्ष 2017 का समझौता लागू करने की मांग पर अड़े रहे. प्रहरियों का कहना है कि जब सरकार स्तर पर समझौता किया जा चुका तो उसकी पालना क्यों नहीं की जा रही ?


जेलर डिप्टी जेलर आए समर्थन में
प्रहरियों के मैस बहिष्कार के समर्थन में जेलर, डिप्टी जेलर ने भी भूख हड़ताल का अल्टीमेटम दे दिया है. जेलर विल्सन शर्मा ने कहा कि अधीनस्थ जेल कर्मियों की वेतन विसंगति दूर करनी चाहिए. पहले दूसरे राज्यों की रिपोर्ट सहित सभी प्राथमिक रिपोर्ट दी जा चुकी है. ऐसे में नए सिरे से अध्ययन करवाने का कोई फायदा नहीं है, जब सरकार से समझौता हुआ तो उसमें सब कुछ जानने के बाद ही निर्णय किया गया अब उस निर्णय को लागू नहीं किया जा रहा है यह बात समझ से परे है.