Rajasthan Politics : राजस्थान में सचिन पायलट की आज से बैक टू बैक जनसभाएं, एकला चलो रे की नीति पर पायलट का टेक ऑफ !
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Rajasthan Politics : राजस्थान में सचिन पायलट की आज से बैक टू बैक जनसभाएं, एकला चलो रे की नीति पर पायलट का टेक ऑफ !

Rajasthan Politics : आज से सचिन पायलट की ताबड़तोड जनसभाएं राजस्थान में शुरू होने वाली है. आज नागौर से इसका आगाज होगा. जिसकी जानकारी खुद सचिन पायलट ने ट्वीट कर दी है.

Rajasthan Politics : राजस्थान में सचिन पायलट की आज से बैक टू बैक जनसभाएं, एकला चलो रे की नीति पर पायलट का टेक ऑफ !

Rajasthan Politics : आज से सचिन पायलट की ताबड़तोड जनसभाएं राजस्थान में शुरू होने वाली है. आज नागौर से इसका आगाज होगा. जिसकी जानकारी खुद सचिन पायलट ने ट्वीट कर दी है. सचिन पायलट ने ट्वीट कर लिखा है कि -दिनांक 16 जनवरी को नागौर जिले के दौरे का कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा. जिसमें दोपहर 12 बजे से लेकर रात 10 बजे तक कार्यक्रम बताया गया है.  नागौर के बाद हनुमानगढ़, झुंझुनूं ,पाली और जयपुर में भी जनसभाएं  होनी है.

एक तरफ प्रदेश कांग्रेस का हाथ से हाथ  मिलाओं अभियान आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए जारी है. इस बीच एकला चलो री नीति के तहत सचिन पायलट ने जनसंपर्क शुरु कर दिया है. 

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद प्रदेश कांग्रेस में छाया सन्नाटा छट चुका है. चुनाव नजदीक हैं ऐसे में पार्टी जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है. 

लेकिन इधर दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात के बाद सचिन पायलट अलग रंग में हैं. आज से सचिन पायलट पार्टी के हाथ से हाथ मिलाओ अभियान से इतर अपना जनसंपर्क शुरू कर रहे है.  जो पार्टी के अंदर तक खलबली  मचा चुका है.

वफादार-गद्दार जैसे बयानों के बाद अब तक सचिन पायलट की तरफ से उठाया गया ये पहला बड़ा कदम कहा जा सकता है. लेकिन ये भी तय है कि सिंतबर 2022 में हुए सियासी ड्रामे के बाद सचिन पायलट पार्टी आलाकमान को कॉंफिडेन्स में लिए बिना तो ये अभियान शुरु नहीं कर रहे होंगे.

ये इसी बात से समझा जा सकता है कि राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा जयपर में हो और बैठक बुलाई गयी हो, लेकिन सचिन पायलट नहीं आए. जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी दोनों ने नाराजगी जताई और सख्ती की बात कहीं थी. 

मीटिंग के कुछ ही दिनों बाद सचिन पायलट ने ट्वीट कर जता दिया कि उनको किसी सख्ती का डर नहीं है और अब वो लोगों के बीच जाकर अपनी जमीन को पुख्ता करने वाले हैं. 

भारत जोड़ो यात्रा से पहले प्रत्यक्षरूप से सामने आए वो विधायक जो सचिन पायलट को अगला मुख्यमंत्री बना देखना चाहते हैं, क्या वो भी इस कैंपेन का हिस्सा बनेंगे ये कुछ दिनों में पता चल जाएगा.

यहां ये भी समझना जरुरी है कि, राजस्थान का शेखावटी इलाका जाट बहुल है और जाट वोटर करीब 55 विधानसभा सीटों पर असर डालते हैं. हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, चुरू, झुंझनूं, नागौर, जयपुर, चित्तोड़गढ़, अजमेर, बाड़मेर, टोंक, सीकर, जोधपुर, भरतपुर ऐसे ही जिले हैं और सचिन पायलट ने भी इन्ही जिलों को अपने जनसंपर्क अभियान का हिस्सा बनाया है. 

हनुमान बेनीवाल के गढ़ कहें जाने वाले नागौर से सचिन पायलट का जनसंपर्क शुरु होना इस लिहाज से भी खास हो जाता है क्योंकि कई बार बेनीवाल, पायलट को नई पार्टी बनाने का ऑफर दे चुके हैं और पायलट की  तारीफ भी कर चुके हैं. 

वो बात अलग है कि बायतु से विधायक हरीश चौधरी आरएलपी को कांग्रेस प्रायोजित पार्टी बताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हनुमान बेनीवाल पर कटाक्ष किया था. 
    
बहरहाल इसमें कोई शक नहीं है कि सचिन पायलट, राजस्थान की राजनीति में कद्दावर नेता है. जिनकी जनसभाओं में खूब भीड़ देखने को मिलती है. लोग उन्हे सुनना पसंद करते हैं. आज से शुरु हो रहे अपने जनसंपर्क अभियान में पायलट कितने सफल हो पाते हैं, ये वक्त ही बतायेगा.

 

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