Jaipur: प्रदेश में लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था के रुप में स्थापित राजस्थान विधानसभा में दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर महाराज संघ सहित पहुंचे. विधानसभा पहुंचने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा सचिव और अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ आचार्यश्री की अगवानी की.


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आचार्य ने यहां विधानसभा परिसर का जायजा लिया तो साथ ही मौके पर मौजूद जनप्रतिनिधियों और कार्मिकों को मानव के कर्तव्य पर उद्बोधन दिया. नेता प्रतिपक्ष गुलबचंद कटारिया ने आचार्य का पाद प्रक्षालन किया. अपने प्रवचन में आचार्य सुनील सागर ने कहा कि मानव सेवा के साथ-साथ पशु पक्षियों की सेवा करना प्रत्येक मानव का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि जैन धर्म हमें यही सिखाता है कि एक दूसरे के साथ परस्पर सहयोग एवं प्रेम के साथ जीवन जिएं. कभी किसी से ईर्ष्या द्वेष नहीं रखें. नफरत छोड़ें और सद्भाव कायम करें. 


आचार्य ने अपने उद्बोधन में नेता प्रतिपक्ष कटारिया के जीवन को सादगीपूर्ण और अनुकरणीय बताते हुए कहा कि भगवान महावीर के अपरिग्रह का सिद्धांत उन पर पूरी तरह लागू होता है.


नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि आचार्य के चरण लोकतंत्र के मंदिर में पड़ना शुभ संकेत है. कटारिया ने कहा कि जनप्रतिनिधि अपने आचरण में धर्म को समाहित कर लें तो समाज और देश का भला जरूर हो सकता है. कटारिया ने समाज की तरफ से आचार्य के विधानसभा में पधारने की अनुमति देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी का भी आभार जताया.


इस दौरान विधानसभा सचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने मुनि के आगमन को सौभाग्य बताते हुए अपने कहा कि भगवान महावीर सत्य-अहिंसा के पुजारी थे और हम सबको उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए.  इस दौरान जयकुमार बड़जात्या के साथ ही पदम बिलाला , महावीर बोहरा , कमलेश जैन, लोकेश जैन, रवि जैन, विपिन पाटनी, शांति सागर जैन , नरेश जैन, सौरभ जैन, शीला जैन, विजय कुमार जैन, मोहित जैन, प्रवीण बड़जात्या समेत जैन समाज के पदाधिकारी और प्रतिनिधि मौजूद रहे.


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