Jaipur : राजधानी में देर रात से शुरू हुई बारिश ने लगातार 8 घण्टे तक हुई बारिश से जनजीवन  अस्त-व्यस्त हो गया. हालात ये थे कि शनिवार सुबह जब लोगों ने आंख खोली तो चारों ओर पानी ही पानी नजर आया. आसमान से लगातार बरसे रहे पानी के बीच लोग दूध लेने डेयरी बूथ तक बाहर नहीं जा पाए. शहर के निचले इलाकों में घरों में पानी भर गया.


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परकोटे व ब्रह्मपुरी क्षेत्र के पठान चौक इलाके में लोगों ने पडोसियों के घर जाकर शरण ली. वहीं सीकर रोड, एम आई रोड, रामगढ़ मोड, सुभाष चौक, आमेर रोड, अजमेर रोड़ पर सड़क पर चार से पांच फीट  तक जलभराव हो गया. सीकर रोड पर तो बसों व अन्य चौपहिया वाहनों पहिए थम गए. लगातार कई घंटों तक चली बारिश से  कई जगहों पर मिट्टी धंसने और मकान गिरने की घटनाएं भी हुई है. 


आपदा की 200 से ज्यादा सूचनाएं आईं 


जिला कलेक्टर नियंत्रण कक्ष से मिली सूचना के आधार पर सुबह से दोपहर 12 बजे तक में 200 से ज्यादा आपदा सूचनाएं आई. नाहरगढ़ पहाडी से बारिश के कारण पत्थर गिरने की सूचना मिली. जल महल की पाल और सड़क पर पानी भर जाने से प्रशासन ने आमेर रोड को रोक दिया.  वैशाली नगर में खुदाई के दौरान खड्डा ढ़हने से एक व्यक्ति की मौत हो गई.  भट्टा बस्ती में मकान गिर गया. सुभाष चौक क्षेत्र गंगापोल में भी एक मकान गिरा. शास्त्री नगर में साइंस पार्क के पीछे नाले की दीवार गिर गई.


वहीं कंवर नगर में  निगम द्वारा नव निर्मित खेल परिसर की दीवार ही गिर गई. क्षेत्रीय पार्षद रजत विश्नोई ने बताया कि निर्माण कार्य में अनियमितता बरती जा रही थी,, इसकी शिकायत स्मार्ट सिटी सीईओ से भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ढेहर के बालाजी, सीकर रोड पर जलभराव होने से हरिओम जन सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने पानी में बैठकर प्रदर्शन किया. सीकर रोड पर पानी भरने से मिनी बस और एम्बुलेंस फंस गईं. पार्षद दिनेश कांवट ने साथियों के साथ एम्बुलेंस को धक्के देकर बाहर निकलवाया.


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बारिश लोगों के लिए आफत बन गई


कई कॉलोनियों में तो घुटनों तक पानी भर गया. लोग घरों से बाहर ही नहीं निकल पाए,, सबसे बुरा हाल परकोटे के अनचले इलाकों में रहा. सुभाष चौक, ब्रहमपुरी, बदनपुरा, रामगढ मोड, कर्बला, पुरानी बस्ती, एमआई रोड, खजाने वालों का रास्ता, इंद्रा बाजार, जोहरी बाजार, मेहरों की नदी, अमृतपुरी इलाके बारिश के चलते आए पानी से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया.


आंख मूंद कर बैठे बदहाली के जिम्मेदार


शहर की इस बदहाली के लिए जेडीए और दोनों नगर निगम जिम्मेदार है लेकिन दोनों ही जिम्मेदार आंखें मूंदे शहर की बदहाली की तस्वीर देखते रहे. राजधानी जयपुर में पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं है. मुख्य सडक़ों से लेकर कॉलोनियों में ड्रेनेज सिस्टम जेडीए विकसित ही नहीं कर पाया. रही सही कसर पेयजल लाइन डाले जाने के दौरान पूरी हो गई. 



रोड कट को अब तक सही नहीं किया गया. ऐसे में बारिश के बाद सडक़ों पर जगह-जगह गड्ढे हो गए. ऐसे में यह गड्ढे लोगों के लिए और मुसीबत बन गए नहीं बारिश के बाद यह खड्डे लोगों के लिए कोढ़ में खाज वाली कहावत को  चरितार्थ करते हुए नजर आ रहे हैं.


Reporter- Dinesh Tiwari