Jaipur: इस साल सर्दी की पहली मावठ ने सबकुछ धोकर रख दिया.पिछले दिनों दो चरणों में बड़ी कड़ाके की सर्दी से जयपुर समेत कई जिलों में किसानों को नुकसान हुआ.तापमान माइनस या जमाव बिंदु से नीचे जाने फसलों पर पाला पड़ गया.जयपुर जिले की 22 तहसीलों से आई रिपोर्ट देखे तो दिल्ली रोड पर मौसम की मार सबसे ज्यादा पड़ी है. यहां फसलें 60 फीसदी से ज्यादा तक खराब हो गई. पटवार मंडलों से जिला प्रशासन को मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक विराटनगर, कोटपूतली, शाहपुरा, आमेर एरिया में रबि की फसल के साथ ही सीजन में उगाई गई सब्जियां भी 60 फीसदी तक खराब हुई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पावटा तहसील के गांवों में गेंहू-चने की 30 फीसदी, जौ की 50 और सरसों, बाड़ी की फसलों को 80 फीसदी से ज्यादा खराब होना बताया गया है.आपको बता दें कि 3 जनवरी से 8 जनवरी और 14 से 19 जनवरी तक प्रदेश में जबरदस्त शीतलहर और गलनभरी सर्दी का दौर चला था.इस दौरान जयपुर के जोबनेर एरिया में 8 दिन पारा माइनस यानी जमाव बिंदु से भी नीचे रहा था.दिल्ली रोड पर स्थित विराटनगर एरिया में 40 फीसदी फसल खराबे की रिपोर्ट पटवार मंडल से आई है.इसी तरह आंधी एरिया में सरसों, तारामीरा की 27 फीसदी, गेंहू 10 फीसदी, जौ 20 और चना की फसल 5 फीसदी पाला पड़ने से खराब हुई.


इधर अजमेर रोड पर दूदू एरिया में भी सरसों, चना, तारामीरा की फसलें 60-70 फीसदी तक पाला पड़ने से खराब हो गई.इसी तरह जोबनेर तहसील के गांवों में 35 फीसदी फसलें खराब हुई है.जोबनेर से आगे किशनगढ़-रेनवाल तहसील में गेंहू की 20, जौ 40, चना 20 और सरसों की 70 फीसदी फसलें खराब हुई. पटवार मंडल से जारी रिपोर्ट पर नजर डाले तो जयपुर की 22 तहसील में से बस्सी तहसील में सबसे कम खराबा हुआ है. यहां केवल सरसों की फसलों में 5 फीसदी का नुकसान हुआ है, जबकि शेष फसलों में खराबा नहीं हुआ. वहीं चौंमू में गेंहू की 10, जौ-चना 5-5, सरसों 20 और तारामीरा 15 फीसदी खराब हुई.


 


ये भी पढ़ें..


सचिन पायलट को हनुमान बेनीवाल की नसीहत, कुछ करना है तो दिल्ली जा कर आलाकमान को बताओ


गहलोत को पायलट का जवाब, 32 सलाखों के पीछे जो बिना हड्डी की जीभ है उसे संभाल कर उपयोग करना चाहिए