जयपुर: मेहंदीपुर बालाजी के  महंत नरेशपुरी महाराज को  मिली डॉक्टर की उपाधि मिली है. कहते है धर्म और शिक्षा को एक ही रूप में देखा जाना चाहिए,आज ये कहावत सच में सार्थक हो गई.मेहंदीपुर बालाजी के महंत नरेशपुरी महाराज को यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नॉलोजी ने डॉक्टरेट की उपाधि दी यानि अब उनके नाम के आगे महंत के साथ साथ डॉक्टर भी लगेगा.जी मीडिया से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि धर्म और शिक्षा को एक ही रूप में देखा जाना चाहिए.लेकिन कर्म पहले है धर्म बाद में है.


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धर्म सब बराबर


हनुमान चालीसा पर हो रही सियासत के सवाल पर महंग नरेशपुरी महाराज ने कहा कि धर्म पर राजनीति गलत है.हिदूं और मुस्लिम धर्म सब बराबर है.कॉलेज परिसर में सभी को आॅक्सफोर्ट डिशनरी के साथ साथ हनुमान चालीसा की पुस्तक भी दी गई.हनुमान चालीसा छोटी सी पुस्तक है.लेकिन ये पुस्तक मानव को प्रेरित करती है.आजकल आत्महत्यांए होती है,


 शब्दों का समझना बहुत जरूरी 


इसे रोकने में भी हनुमान चालीसा कारगर साबित हो सकती है.इसलिए हनुमान चालीसा के शब्दों का समझना बहुत जरूरी है.जो भी हनुमान चालीसा का पाठ करता है,उस पर हनुमान जी की कृपा हमेशा बनी रहती है.पीएचईडी मंत्री महेश जोशी और शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने भी महंत नरेशपुरी को डॉक्टरेट की उपाधि पर शुभकामनाएं दी.


फिर से कायम करना है


महंत का कहना था कि शास्त्रो में भी बहुत सी शिक्षा है.शास्त्रों का अध्ययन भी उतना ही जरूरी है जितना कि किताबी ज्ञान.अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आजकल गुड मार्निंग,गुड नाईट बोलते है.पहले के जमाने में माता पिता के चरण स्पर्श करके दिन की शुरूआत करते थे.हमारी संस्कृति को फिर से कायम करना है.


डॉक्टर की उपाधि से पहल गौरव अलंकरण से भी महंत नरेशपुरी को नवाजा गया.इससे पहले ब्रिटिश पार्लियामेन्ट लंदन में महंत नरेशपुरी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया था. लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम दर्ज करवाया था.ब्रिटिश संसद में हुए भारत गौरव अलंकरण से सम्मानित किया गया.


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