Jaipur: दुनिया के सबसे बड़े घंटे का मास्टरपीस जयपुर के मानसरोवर में तैयार हुआ. इसका वजन करीब 57 हजार किलो है. साथ ही इसे 2 हिस्सों में तैयार किया गया है. 3डीप्रिंटकार्ट से इसे जयपुर के स्टार्टअप्स ने तैयार किया है.


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सोमवार को कोटा के लिए इसके दो हिस्सों को भेजा गया था. तीसरा हिस्सा इसका आज यानी बुधवार को भेजा जाएगा. इस बेल के मास्टरपीस की 30 फीट ऊंचाई है. साथ ही 27 फीट व्यास यानी चौड़ाई है. ये चंबल रिवर फ्रंट पर स्थापित होगा.  मास्टरपीस तैयार करने वाले 3डी प्रिंटकार्ट के इंजीनियर प्रांजल कटारा का कहना है कि पांच चरणों में इस घंटे को बनाने की प्रक्रिया की गई. उन्होंने बताया कि इसमें 3डी सीएडी विश्लेषण, जिसमें 3डी सीएडी मॉडलिंग, मिनी 3डी प्रिंट बेल मॉडल के साथ 3डी प्रिंटिंग के साथ बेल फैब्रिकेशन की प्रोसेसिंग को शामिल किया गया है. बेल को कोटा के रिवर फ्रंट पर तैयार किया जाएगा.


 ट्रॉलों के माध्यम से जयपुर में तैयार इस मास्टरपीस को कोटा भेजा जा रहा है. प्रांजल का कहना है कि क्ले मास्टरपीस मेटल कास्टिंग प्रक्रिया के दौरान खराब हो जाते है जबकि 3डी प्रिंटेड मास्टरपीस में इसका खतरा कम रहता है. उन्होंने कहा कि 3डी प्रिंटिंग टेक्निक के जरिए  बड़े स्ट्रक्चर को तय डिजाइन के अनुसार सटीक बनाया जा सकता है. इस मास्टरपीस को तैयार करने के लिए पॉलीफाइबर की 3डी तकनीक से करीब 640 टाइलों को तैयार किया है. जिन्हें आपस में जोड़ा गया और तीन हिस्से तैयार हुए. 15 लोगों की टीम ने इसे पांच महीने में तैयार किया है.


इतना ही नहीं इस बेल को लोगों के द्वारा बजाया भी जा सकेगा. साथ ही 8 किलोमीटर तर इस बेल की आवाज को सुना जा सकेगा. गौरतलब है कि वर्तमान में विश्व की सबसे बड़ी बेल चीन में  है. जो 8.2 गुणा 6.5 मीटर की है. वहीं 8 गुणा 6.6 मीटर की मॉस्को की बेल है.