ग्रेटर निगम की साधारण सभा की बैठक V/S विवाद,बैठक से पहले एजेंडों को लेकर घमासान जारी
जयपुर न्यूज: नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक 25 मई को होनी है.बैठक से पहले एजेंडों को लेकर घमासान जारी है. इस विवाद पर मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर का बड़ा बयान सामने आया है.
Jaipur: ग्रेटर निगम में 365 दिन यानी ठीक एक साल बाद 25 मई को साधारण सभा होने जा रही है. सभी पार्षद लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे थे लेकिन 1 साल बाद भी बोर्ड की बैठक में विकास के मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना कम है, क्योंकि जो प्रस्ताव है उनसे पार्षद नाखुश है. विधायक, डिप्टी मेयर, वित्त समिति चेयरमैन ने एजेंडों को लेकर सवाल उठाए है वित्त समिति में चर्चा के बिना ही सीधे रखे जा रहे हैं. इसमें कुछ प्रस्ताव तो ऐसे हैं, जिनका कार्य सात साल पहले करवाया गया, लेकिन कार्यों की वित्तीय स्वीकृति अब ली जाएगी.
एजेंडों में जनहित के मुद्दे शामिल नहीं- विधायक
इसके चलते 21 सभी प्रस्ताव वित्त समिति में चर्चा के बाद ही एजेंडे में शामिल किए जाने थे.विवाद से बचने के लिए निगम प्रशासन ने इनको घटाकर 18 कर दिया गया. आखिर एक साल बाद एक बार फिर शहरी सरकार का 25 मई को दरबार लगेगा. नाराज पार्षद मुद्दों को उठाकर गुस्सा निकालने की तैयारी में है. नाराजगी निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक में रखे जाने वाले एजेंडों को लेकर है. भाजपा विधायक अशोक लाहोटी कह रहे हैं कि एजेंडों में जनहित के मुद्दों को शामिल नहीं किया गया. तो वही वित्त समिति के चेयरमैन शील धाभाई का कहना है कि निगम की फाइनेंस कमेटी के बिना चर्चा ही प्रस्ताव बोर्ड में रखने की तैयारी की जा रही है. उधर जयपुर नगर निगम ग्रेटर में साधारण सभा से पहले उठे विवाद पर ग्रेटर निगम मेयर सौम्या गुर्जर का बयान आया है.
एजेंडा पर बीजेपी के कई पार्षदों की आपत्ति
जनहित के प्रस्ताव शामिल नहीं करने और पार्षदों की अनदेखी करने के आरोपों पर सौम्या ने कहा कि नगर निगम 150 पार्षद है और उनके 3 हजार से ज्यादा सुझाव एवं प्रस्ताव आए है. जिसमें अधिकांश एक जैसे है. ऐसे में सभी को एजेण्डा में शामिल किया जाना संभव नहीं है. आपको बता दें कि नगर निगम ग्रेटर में होने वाली साधारण सभा के एजेण्डा को लेकर बीजेपी के ही कई पार्षदों और एक विधायक ने आपत्ति जताई है..
वित्त समिति की चेयरमैन ने तो बैठक में रखे गए प्रस्तावों को ही कानूनी तौर पर गलत बताते हुए मेयर सौम्या गुर्जर पर मनमानी करने और पार्षदों काे नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. इधर उप महापौर पुनीत कर्णावत ने भी पार्षदों की मंशा के अनुरूप प्रस्तावों को एजेण्डा में शामिल नहीं करने का आरोप लगाते हुए मेयर को ही पत्र लिखा है. विधायक अशोक लाहोटी ने भी साधारण सभा के एजेण्डा में सड़क, पानी, बिजली से जुड़े प्रस्तावों को शामिल करने के लिए मेयर को पत्र लिखा है.
निगम ग्रेटर महापौर डॉक्टर सौम्या ने कहा कि जयपुर नगर निगम के संचालित सामुदायिक केन्द्रों के हालात इतने बुरे है कि वहां कोई आना तक पसंद नहीं करता है .हमने उन सभी सामुदायिक केन्द्रों के रेनोवेशन का प्रस्ताव तैयार किया है ताकि उनकी स्थिति सुधरे और वहां लोग शादी समारोह, बर्थ-डे या अन्य कार्यक्रम करने के लिए आए. क्या ये जनहित से जुड़ा प्रस्ताव नहीं है. शहर के बच्चों के खेलने और उन्हें ट्रेनिंग देने के उदेश्य से हम एक स्पोर्ट्स अकेडमी खोलने की तैयारी कर रहे है. इसमें शहर के बच्चों को न केवल खेलने की जगह मिलेगी, बल्कि अच्छी ट्रेनिंग भी दी जाएगी.आज पब्लिक अपने काम के लिए नगर निगम मुख्यालय आती है तो उन्हें पार्किंग की परेशानी होती है.
उन्होंने कहा कि हम डबल बेसमेंट पार्किंग बनाने की तैयारी कर रहे है, जो जनता के ही काम आएगी. उन्होंने कहा कि नगर निगम की साधारण सभा में ग्रीन बॉण्ड लगाने का भी प्रस्ताव हम लेकर आए है. अगर ये पास होता है और लागू होता है तो जयपुर नगर निगम ग्रेटर देश का पहला नगर निगम होगा जो ग्रीन बाॅण्ड लेकर आएगा. हम इस बॉण्ड से हम लोगों को बहुत अच्छा रिर्टन भी देंगे. जिस तरह लोग एलआईसी पर भरोसा करते है उसी तरह लोगों का नगर निगम पर भी निवेश के प्रति भरोसा होगा. ये भी जनहित से जुड़ा ही एक मुद्दा है.
बहरहाल, निगम की साधारण सभा की बैठक शहर की समस्या-विकास और शहर की जनता के मुद्दों के बजाय एक दूसरे पर छींटाकशी और हंगामे में तब्दील हो जाती है. खैर इन आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक बार फिर शहर की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस करेंगी.
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