Jaipur News: प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों को लेकर एक बार फिर चर्चा उठी है. राज्य की भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में मंत्रियों ने तबादले खोलने की मांग उठाई. हालांकि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर छोड़ दिया गया है. अब विधानसभा उपचुनाव के बाद या आचार संहिता लगने से पहले तबादलों पर कुछ समय के लिए पाबंदी हटाने के कयास लगाए जा रहे हैं.


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राजस्थान में कांग्रेस का राज बदले दस महीने हो रहे हैं. सरकार बदलने के साथ ही कर्मचारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं तथा नेताओं में तबादले की मांग उठने लगी थी और तबसे लगातार तबादले खुलने का इंतजार किया जा रहा है. भजनलाल सरकार की रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में एक बार फिर मंत्रियों ने तबादले खोलने की मांग उठाई. चर्चा के दौरान अधिकांश मंत्रियों की इस बात पर सहमति थी कि तबादले खोले जाने चाहिए. 



इस दौरान सामने आया कि चिकित्सा स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में तबादले नहीं किए जाते हैं. इस पर कहा गया कि दोनों विभाग बड़े हैं, जिनमें शॉर्ट समय में तबादले नहीं किए जा सकते हैं. इस पर मंत्रियों ने कहा कि इन दोनों महकमों को छोड़कर दूसरे विभागों में तो तबादलों से बैन हटाया जा सकता है. हालांकि चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तबादलों को लेकर किसी प्रकार की सहमति नहीं दी. अब तबादलों से बैन खोलने को लेकर मुख्यमंत्री अंतिम फैसला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लेना है.



जानकारी के अनुसार, प्रदेश में अधिकारी स्तर पर तबादले किए गए हैं, लेकिन कर्मचारियों को नहीं बदला गया है. ऐसे में नेताओं और मंत्रियों पर कर्मचारियों के तबादलों से बैन हटवाने का दबाव पड़ रहा है. यही वजह है कि मंत्री कैबिनेट बैठक में तबादलों पर बैन हटाने के लिए सुझाव दे रहे हैं. इधर तबादलों को लेकर कुछ मंत्रियों का मानना है कि अब उपचुनाव के बाद ही तबादलों से बैन हटेगा, वहीं कुछ का मानना है कि उपचुनाव की आचार संहिता से पहले कुछ समय के लिए तबादलों से बैन हटाया जा सकता है.


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