जयपुर: अब PHED इंजीनियर्स ने जलाशयों की झूठी रिपोर्ट पेश की तो पकड़े जाएंगे,ऐसे खुलेगी पोल
जयपुर न्यूज: अब PHED इंजीनियर्स ने जलाशयों की झूठी रिपोर्ट पेश की तो वह पकड़े जाएंगे. इसके लिए एक एप्लीकेशन तैयार की जा रही है. जिसे संभवत: एक महीने में लॉन्च कर दिया जाएगा.
Jaipur: अब जलदाय विभाग के इंजीनियर यदि झूठी रिपोर्ट पेश करेंगे तो एप्लीकेशन के माध्यम से पकड़े जाएंगे. एक एप्लीकेशन अब पीएचईडी इंजिनियर्स की पोल खोलेगी. जलाशयों की सफाई के लिए अब जलदाय विभाग एक एप्लीकेशन के माध्यम से मॉनिटरिंग करेगा. आखिर यह किस तरह से काम करेगा और कैसे आपके घर तक शुद्ध पानी के लिए मॉनिटरिंग होगी बताते हैं.
आम जनता तक पहुंच सके शुद्ध पानी
अक्सर यही देखा जाता है कि पानी होने के बावजूद भी घरों तक अशुद्ध पानी पहुंचता है. कई बार शिकायतें भी होती है लेकिन उसका कोई समाधान नहीं निकल पाता. इसकी सबसे बड़ी वजह यह देखी जाती है कि जलाशयों में तय वक्त पर सफाई नहीं होती है. केवल तारीख बदलकर इंजीनियर और ठेकेदार इतिश्री कर देते हैं. लेकिन अब यह चालाकी इंजीनियर की भारी पड़ेगी क्योंकि एक एप्लीकेशन अब जलाशयों की सफाई पर पैनी नजर रखेगी. 1 महीने के भीतर एप्लीकेशन को लॉन्च किया जाएगा. जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर तकनीकी दलीप कुमार गौड़ का कहना है कि जल्द ही इस ऐप को शुरू किया जाएगा ताकि जलाशयों की मॉनिटरिंग की जा सके.
6 महीने में सफाई जरूरी
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के निर्देश के बाद में इस एप्लीकेशन को डेवलप किया जा रहा है. नियमों के तहत हर 6 महीने के भीतर जलाशयों की सफाई होना जरूरी है. लेकिन तय समय पर सफाई नहीं होने से लोगों तक अशुद्ध पानी पहुंचता है लेकिन अब 6 महीने बीतने के बाद ही संबंधित इंजीनियर के पास सफाई के लिए अलर्ट आएगा. इसके साथ साथ जलाशयों की सफाई के बाद पूरा डाटा इस एप्लीकेशन में स्टोर करना होगा. ताकि झूठ और सच का पता लगता पाए.
DOIT को भेजा प्रस्ताव
फिलहाल DOIT विभाग को एप्लीकेशन तैयार करने के लिए कहा गया है और जलदाय विभाग इसमें यह तय कर रहा है कि इस तरह के फीचर्स में डेवलप किए जाएंगे. ताकि फील्ड इंजीनियर्स पर पूरी तरह से लगाम लग सके.
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