Jaipur News: राज्य के माइनिंग और जियोलोजी विंग के अधिकारियों का हर महीने एक वर्चुअल सेशन आयोजित किया जाएगा. इसके माध्यम से खनिज क्षेत्र में राजस्थान सहित देश-दुनिया में हो रहे एक्सप्लोरेशन, माइनिंग तकनीक, डिपोजिट्स और उनकी मांग आदि के संबंध में विस्तार से संवाद होगा. ये देश दुनिया की तकनीक और एक दूसरे के अनुभवों को साझा कर उसका उपयोग कर सकेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि इससे अधिकारियों का ओरियंटेशन होने के साथ ही एक दूसरे के अनुभव और जानकारी को साझा किया जा सकेगा, जिसका सीधा-सीधा लाभ प्रदेश के माइनिंग सेक्टर को मिल सकेगा. इससे इस क्षेत्र में हो रही रिसर्स से अपडेट होने का अवसर मिल सकेगा.


यह भी पढ़ें- अशोक गहलोत के मंत्री को ही न्याय दिलाने आई BJP, राजेन्द्र गुढ़ा के लिए राजेंद्र राठौड़ ने संभाली कमान


अग्रावल ने बताया कि इस कड़ी में मंगलवार को आयोजित पहले तकनीकी सत्र में अतिरिक्त निदेशक जियोलोजी एनपी सिंह के निर्देशन में खनिज पोटाश के संबंध में बीकानेर के करणवीर और आरईई पर बाड़़मेर के देवेन्द्र सिंह ने पीपीटी के माध्यम से प्रजेंटेशन दिया. खान सुरक्षा प्रावधानों पर पीआर आमेटा के निर्देशन में एमई आसिफ अंसारी ने पीपीटी प्रजेटेंशन दिया. 


उन्होंने बताया कि प्रतिमाह तकनीकी सेशन आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में खोजे जा रहे या उपलब्ध खनिज की गुणवत्ता, देश व विदेश के अन्य स्थानों पर उपलब्धता और उसकी गुणवत्ता की तुलना में प्रदेश का खनिज, डिपोजिट्स, खनिज का उपयोग, बाजार में मांग, खनिज खनन की इकोनोमिक्स आदि पर विस्तार से चर्चा हो सकेगी और इससे माइनिंग और जियोलोजी विंग के बीच बेहतर तालमेल और सामंजस्य भी हो सकेगा. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों में प्रदेश में बहुमूल्य खनिज के भण्डार मिले हैं पर इस तरह के अध्ययन और साझा संवाद से इकोनोमिकल वाइबिलिटी भी तय हो सकेगी.


क्या बोले निदेशक माइंस संदेश नायक 
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि प्रतिमाह आयोजित तकनीकी सेशन में किसी विषय विशेष या यों कहे कि प्रदेश में उपलब्ध खनिज विशेष को लेकर आपसी अनुभव साझा हो सकेंगे और तकनीक में आ रहे बदलाव को समझने और आत्मसात करने का अवसर मिल सकेगा. 


राज्य सरकार की इस पहल से अधिकारियों के ओरियंटेशन की व्यवस्था भी तय हो सकेगी और परस्पर समन्वय व सहयोग का माहौल बनेगा. इसका सीधा सीधा लाभ प्रदेश के माइनिंग सेक्टर को मिल सकेगा.