Jaipur: अब तक ATM से केवल नोट निकलते देखा है. लेकिन अब राजधानी जयपुर में नोट के स्थान पर ऐसी ही मशीन से कपड़े की थैला निकाल रही है. पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक पॉलीथीन के विकल्प के रूप में आमजन को वेंडिंग मशीन से कपड़े का बैग मिलेगा. 


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इस क्लॉथ वेंडिंग मशीन में 10 का सिक्का डालते ही कपड़े का बैग बाहर आएगा.यह पहल नगर निगम हैरीटेज प्रशासन ने की है. जिससे आप प्लास्टिक को बाय-बाय कहकर सामान कपड़े के थैले में ले जा सकेंगे. इस कपड़े के थैले से मेयर अपनी सियासत भी चमका रही है. आमजन को कपड़े के थैले के लिए 10 रुपये भी चुकाने होंगे साथ में कपड़े के थैले पर लिखे नाम से मेयर मुनेश गुर्जर का प्रचार-प्रसार भी करना होगा.


एक पंथ दो काज. ये कहावत नगर निगम हैरीटेज की मुखिया पर सटीक बैठती है. जयपुर नगर निगम हैरीटेज प्रशासन की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन होने के बाद पहली ऑटोमैटिक क्लॉथ बैग वैंडिंग मशीनें लगाई है. जिसमे 10 का सिक्का डालने के साथ ही पर्यावरण का संदेश देता मेयर मुनेश गुर्जर का नाम लिखा कपड़े का थैला बाहर आएगा. 


इससे दो फायदे होंगे. पहला फायदा प्लास्टिक को बाय-बाय कहते हुए सामान कपड़े के थैले में ले जा सकेंगे. दूसरा इसका फायदा निगम हैरीटेज मेयर मुनेश गुर्जर को होगा. जिनका नाम लिखा हुआ थैला आप कही भी लेकर जाएंगे तो मुखियाजी का नाम चमकता हुआ नजर आएगा. यानी कि आपको 10 रुपये भी चुकाने है और साथ मे मेयर मुनेश गुर्जर का प्रचार-प्रसार भी करना है. दरअसल सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन हुए 8 माह का समय हो चुका है.


इस आठ माह में नगर निगम हैरीटेज प्रशासन ने 1200 किलो प्लास्टिक जब्त की है.इसी बीच में नगर निगम हेरिटेज प्रशासन ने सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त जयपुर की दिशा में कदम बढाते हुए पहल की हैं. निगम ने पहली ऑटोमैटिक क्लॉथ बैग वैंडिंग मशीन पुरोहितजी के कटले के बाहर लगाई है.इससे शहर में खरीददारी करने वाले बेहद खुश नजर आ रहे है.


सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन और पॉलिथीन के बढ़ते नुकसान को रोकने और कपड़े के कैरी बैग के उपयोग को बढावा देने के लिए ऑटोमेटिक क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन का शुभारम्भ महापौर मुनेश गुर्जर और आयुक्त विश्राम मीना ने किया.इस वेन्डिग मशीन से 10 रुपये का सिक्का डालकर कोई भी व्यक्ति आसानी से कपड़े का थैला(कैरी बैग) प्राप्त कर सकेगा. 


मेयर मुनेश गुर्जर ने बताया कि इस मशीन के अलावा शहर के अलग अलग 5 जगहों पर ऑटोमैटिक क्लॉथ बैग वैंडिंग मशीनें लगाई जाएगी.इतने दिनों से आमजन के पास कोई ऑप्शन नहीं था, इसलिए वह प्लास्टिक की थैलीया यूज करते हैं.लेकिन जब उनके पास ऑप्शन होगा तो वह इस चीज से पीछे नहीं हटेंगे. मशीन में  सिक्के डालने पर क्लॉथ बैग बाहर आ जाते है. 


मशीन में सेंसर लगाए जाने से पांच रुपए के दो सिक्के या 10 रुपए से ज्यादा मूल्य का नोट डालने पर उतने थैले मशीन उगलती है.एक साथ मशीन में करीब 100 थैले संग्रहित करने की क्षमता है.पांच किलोग्राम वजन का सामान ले जाने की क्षमता का थैला मशीन में उपलब्ध किया गया है. खास बात यह भी है कि यह प्रदेश में बनी हुई मशीने है जिनकी लागत 98 हजार के करीब हैं. 


एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया जा चुका हैं.बावजूद इसके बाजारों में पॉलिथीन का बेतहाशा इस्तेमाल किया जा रहा हैं.निगम इस पर खासी सख्ती बरतते हुए आए दिन चालान काट रहा हैं तो वहीं सिंगल यूज प्लास्टिक की जब्ती भी की जा रही हैं. लेकिन इस पर रोक के साथ ही अब परकोटा के बाजारों में खरीदारी के लिए पहुंचने वाले लोगों ने प्लास्टिक मुक्त की अपील करने के साथ ही उन्हें अब कपड़े के थैले की सुविधा भी देने की पहल की गई हैं.


वेंडिंग मशीनों से  थैला लेने पर व्यापारी और खरीदारों का भी कहना था कि यह एक आसान सुविधा है.कई बार बाजार में आते वक्त घर से थैला भूल जाते हैं.लेकिन अब यहां भी उपलब्ध होने से उन्हें कपड़े के थैले के लिए भटकना नहीं पडेगा.व्यापारियों का कहना था कि वे स्वयं भी चाहते है कि प्लास्टिक पर रोक सख्ती से लगे लेकिन इसके विकल्प को हमें बढावा देना होगा


बहरहाल, पिछले कुछ सालो से पॉलीथिन का चलन बढ़ने के कारण लोगों की घर से बाहर निकलने पर कपड़े का थैला लेने की आदत खत्म हो गई है. पॉलीथिन पर प्रतिबंध होने के बावजूद इसका संचालन हो रहा है. कई बार दुकानदार के पालिथीन नहीं देने की स्थिति में खरीदारी करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में ऑटोमैटिक क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन लगने से लोगों को आसानी होगी.