Jaipur, Kotputli: महाभारत काल में मत्स्य नगर की राजधानी रहा विराटनगर को नवगठित कोटपूतली-बहरोड जिला में जोडने का विरोध शुरू हो गया हैं. विराटनगर बचाओ संघर्ष समिति ने आज जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर विराटनगर और मैड कुण्डला क्षेत्र को जयपुर जिले में ही रखने की मांग की.


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संघर्ष समिति के सदस्यों ने आज जयपुर पहुंचकर जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात की.पूर्व विधायक फूलचंद भिंडा, रामचंद्र सराधना, संघर्ष समित के सदस्य महेन्द्र शर्मा, सीताराम सैनी ने बताया की राज्य सरकार विराटनगर में मैड कुंडला क्षेत्र को कोटपूतली में जोड़ती है तो मजबूरन लोगों को उग्र आंदोलन करना पड़ेगा. गहलोत सरकार ने नए जिले बनाकर बडी सौगात दी हैं. 


इससे आने वाले समय में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे. लेकिन नए जिलों की घोषणा में विराटनगर जो जयपुर जिले में सबसे पुरानी और बडी तहसील थी और जिले की दौड में था. जिले से उपेक्षित कर क्षेत्र की जनता को निराश किया. इतना ही नहीं विराटनगर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली विराटनगर पालिका सहित विराटनगर, मैड कुंडला की 32 पंचायतों को कोटपूतली-बहरोड में जोडकर क्षेत्र की करीब एक लाख जनता के साथ गलत किया जा रहा हैं. 


उन्होने बताया की व्यवयायिक दृष्टि से विराटनगर और मैड-कुंडला का सीधा जुडाव जयपुर से ही हैं ना की कोटपूतली से. विराटनगर और मैड-कुंडला के अधिकांश पंचायत क्षेत्रों की कोटपूतली-बहरोड से दूरी जयपुर की अपेक्षा बहुत अधिक हैं. विराटनगर विधानसभा क्षेत्र में आने वाली शाहपुरा तहसील की 8 पंचायत क्षेत्र के लोगों को भी कोटपूतली-बहरोड जाने में दिक्कत होगी.


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