Jaipur News:पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना को लेकर देशभर में गुस्सा और आक्रोश है. राजस्थान में भी सर्व हिंदू समाज ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है. विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले सर्व हिंदू समाज के प्रतिनिधि बुधवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले. उन्होंने ज्ञापन देकर राष्ट्रपति के मार्फत इस घटना के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.


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पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के पास संदेशखाली में महिलाओं और बेटियों पर अमानवीय अत्याचार की घटनाएं सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश है. राजस्थान में भी इन घटनाओं को लेकर आक्रोश है. इस मामले पर भारत माता मंदिर में विश्व हिंदू परिषद् के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने प्रेसवार्ता में कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र पर आघात करते हुए कटमनी की अन्यायपूर्ण व्यवस्था ने संदेशखाली के खलनायकों को जन्म दिया है.


 जो महिलाओं के बलात्कार, यौन उत्पीडन, गरीबों से लूट, बर्बरता जैसे वीभत्स कृत्य कर रहे हैं तथा स्थानीय सरकार अपनी तुष्टिकरण की अनीति के चलते इन्हें प्रश्रय दे रही है. इसका विरोध करते हुए राजस्थान का समस्त हिन्दू समाज एकत्र होकर मांग करता है कि राष्ट्रपति इसमें हस्तक्षेप करते हुए पीड़ितों को तुरंत संरक्षण व न्याय प्रदान करें तथा राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग भी स्थानीय जनता के अधिकारों की रक्षा करें.




इस अवसर पर अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण मंच से अनिल गोठवाल, अखिल भारतीय खटीक समाज से पी. एन. बुटोलिया, राजस्थान नाथ समाज से देवेंद्र योगी, मेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज जयपुर पश्चिम से डॉ. असीम वर्मा, जनचेतना समिति जयपुर से लक्ष्मीकांत, आजाद युवा संस्थान जयपुर से मनीष कुमार, प्रताप युवा शक्ति संगठन से जयपाल सिंह मौजूद थे. इसके बाद सभी प्रतिनिधि राजभवन पहुंचे और एक स्वर में संदेशखाली में हो रहे दुर्दांत अत्याचारों की भर्त्सना करते हुए न्याय की मांग करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्रा को ज्ञापन सौंपा.




सर्व समाज की प्रमुख मांगे हैं ये 


राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में सर्व समाज की ओर से कुछ मांगे रखी गई हैं. ज्ञापन में कहा गया कि कई दिनों से अत्याचारों के बाद भी पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की. आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक मामलों में महिलाओं को साधन बनाना, अपमानजनक और निंदाजनक है.
- लोकतंत्र में महिला एवं मानवाधिकारों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाए.


- पीड़ित महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों को तुरंत सुरक्षा आर्थिक सहायता दी जाए.


- महिलाओं पर हुए अत्याचारों की इन कैमरा पूछताछ की जाए.


- महिलाओं का मनोबल बना रहे इसलिए प्रशिक्षित परामर्शदाताओं की सेवा उपलब्ध करवाएं.


- घटनाओं पर बोलने के लिए स्वतंत्र हेल्पलाइन नम्बर दिया जाना चाहिए, जिससे महिलाएं बिना किसी डर से अपनी बात रखें.


- निष्पक्ष जांच के लिए मामले को दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जाना चाहिए.


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